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आज का इतिहास 4 मई : आज के दिन Grammy अवॉर्ड्स से लेकर भारत की पहली महिला जज तक छिपा है कई इतिहास

आज ही के दिन साल 1959 में ग्रैमी अवॉर्ड (Grammy Awards) की शुरुआत हुई. इसकी शुरुआत से पहले फिल्म और टेलीविजन में काम करने वाले कलाकारों को एकेडमी और एमी जैसे प्रतिष्ठित अवॉर्ड दिए जाते थे, लेकिन संगीत के लिए इस तरह का कोई पुरस्कार नहीं था. संगीत कलाकारों के उचित सम्मान और लोगों की बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए ग्रैमी की शुरुआत की गई.

75 से ज्यादा अवॉर्ड दिए जाते हैं
1959 में अमेरिका के लॉस एंजिल्स में पहली बार इसका आयोजन किया गया. पहली बार 28 ग्रैमी अवॉर्ड दिए गए. उस समय इसे ग्रामोफोन अवॉर्ड कहा जाता था. अवॉर्ड में दी जाने वाली ट्रॉफी का आकार भी ग्रामोफोन की तरह ही होता है. तब से हर साल संगीत की 25 से ज्यादा श्रेणी के लिए कुल 75 से ज्यादा अवॉर्ड दिए जाते हैं.

अवॉर्ड्स की संख्या की गई कम
जैसे-जैसे संगीत में जॉनर बढ़ते गए वैसे-वैसे अवॉर्ड्स की संख्या भी बढ़ाई गई. एक समय तक इनकी संख्या 109 तक पहुंच गई थी. तब महिला और पुरुष कलाकारों को अलग-अलग अवॉर्ड दिए जाते थे. 2011 में रिकॉर्डिंग एकेडमी ने मेल-फीमेल अवॉर्ड्स को एक कर इनकी संख्या कम कर दी. साथ ही एक जैसे कुछ जॉनर को एक ही कैटेगरी में लाया गया.

इन भारतीयों को मिला खिताब
सितार वादक पंडित रविशंकर पहले भारतीय कलाकार हैं जिन्हें ये अवॉर्ड मिला है. साल 1968 में उन्हें एलबम ‘वेस्ट मीट्स ईस्ट’ के लिए दिया गया था. उनके पास 5 ग्रैमी अवॉर्ड हैं, जिसमें लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड भी शामिल है. इसके अलावा तबला वादक जाकिर हुसैन, ए आर रहमान, जुबिन मेहता, पंडित विश्व मोहन भट्ट, शंकर महादेवन के बैंड शक्ति को भी ये अवॉर्ड मिला है.

देश की पहली महिला जज का हुआ था जन्म
आज ही के दिन 1905 में देश की पहली महिला जज का जन्म हुआ था. केरल के त्रिवेंद्रम में जन्मीं अन्ना चांडी ने 1926 में त्रिवेंद्रम के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री ली. कानून की डिग्री लेने वाली वे केरल की पहली महिला थीं. 1929 से उन्होंने वकालत शुरू की. 1930 में ‘श्रीमती’ नाम से एक मैगजीन शुरू की, जिसमें महिलाओं की आजादी, विधवा विवाह और महिलाओं से जुड़े तमाम मुद्दों पर लिखने लगीं.

1937 में बनी पहली महिला जज
1937 में त्रावणकोर के दीवान ने उन्हें मुंसिफ नियुक्त किया. इसके साथ ही देश की पहली महिला जज बन गईं. यहां से अन्ना ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. 1948 में वो जिला जज बन गईं.

91 साल की उम्र में हुआ था निधन
9 फरवरी 1959 को अन्ना केरल हाई कोर्ट की जज बनाई गईं. इसके साथ वे भारत के किसी भी हाईकोर्ट की पहली महिला जज बनीं. 5 अप्रैल 1967 तक वो इस पद पर रहीं. यहां से रिटायर होने के बाद उन्हें लॉ कमीशन ऑफ इंडिया में नियुक्ति दी गई. 20 जुलाई 1996 को 91 साल की उम्र में जस्टिस चांडी का निधन हो गया.

टीपू सुल्तान का हुआ था निधन
मैसूर के टाइगर नाम से प्रसिद्ध टीपू सुल्तान अंग्रेजों के खिलाफ युद्धों में अपनी बहादुरी के लिए जाने जाते हैं. मैसूर के सुल्तान हैदर अली के सबसे बड़े बेटे के रूप में, टीपू सुल्तान 1782 में अपने पिता की मृत्यु के बाद सिंहासन पर बैठे थे. शासक के रूप में, उन्होंने अपने प्रशासन में कई नई चीजों को लागू किया और लौह-आधारित मैसूरियन रॉकेट का भी विस्तार किया, जिसे दुनिया का पहला रॉकेट कहा जाता है. उनके पिता के फ्रांसीसी के साथ राजनायिक संबंध थे, जिसके कारण टीपू सुल्तान को फ्रांसीसी अधिकारियों से सैन्य प्रशिक्षण भी मिला था. शासक बनने के बाद, अंग्रेजों के खिलाफ उन्होंने फ्रांसीसी के साथ मिलकर अपने संघर्ष में पिता की नीति को जारी रखा.

टीपू सुल्‍तान ने 18 वर्ष की उम्र में अंग्रेजों के विरुद्ध पहला युद्ध जीता था.

टीपू सुल्‍तान के शासन काल में तीन बड़े युद्ध हुए और तीसरे युद्ध में वे वीरगति को प्राप्त हुए.

टीपू सुल्तान एक बादशाह बन कर पूरे देश पर राज करना चाहते थे, लेकिन उनकी ये इच्छा पूरी नही हुई और 4 मई 1799 को उनका निधन हो गया.

4 मई को और किन-किन वजहों से याद किया जाता है-
2008: विख्यात तबला वादक पंडित किशन महाराज का निधन

1975: मूक फिल्मों के स्टार चार्ली चैपलिन को बकिंघम पैलेस में नाइट की उपाधि प्रदान की गई

1957: भारतीय इतिहासकार हेमचंद्र रायचौधरी का निधन

1924: पेरिस में 8वें ओलिंपिक खेलों की शुरुआत हुई

1922: ‘शार्क लेडी’ के नाम से मशहूर अमेरिकी समुद्री जीवविज्ञानी यूजीनी क्लार्क का जन्म हुआ

1902: कर्नाटक के पहले मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश के राज्यपाल रहे केसी रेड्डी का जन्म हुआ

1896: लंदन डेली मेल का पहला संस्करण प्रकाशित हुआ

1799: मैसूर राज्य के शासक टीपू सुल्तान का निधन हुआ

1767: प्रसिद्ध कवि तथा संगीतज्ञ त्यागराज का जन्म

 

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