क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की डिजिटल करंसी (Digital Currency) व्यवस्था है, जो एक निजी कंप्यूटर चेन से जुड़ी होती और कंप्यूटर एल्गोरिदम पर बनी है. इसके ऊपर किसी भी देश या सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है. इसकी लोकप्रियता में इस कदर इजाफा हो रहा है कि तमाम देश इसे कानूनी मान्यता भी दे चुके हैं. साथ ही साथ अब क्रिप्टो क्रेडिट कार्ड भी बाजार में आ रहे हैं.
क्रेडिट कार्ड्स को खरीदारी और भुगतान करने का एक सुविधाजनक विकल्प माना जा सकता है, बशर्ते इसका इस्तेमाल समझदारी के साथ किया जाए. पारंपरिक क्रेडिट कार्ड में हम जिस तरह से भारतीय मुद्रा यानी रुपये में लेन-देन करते हैं, उसी तरह क्रिप्टो क्रेडिट कार्ड पूरी तरह क्रिप्टोकरेंसी पर आधारित है.
इसमें रिवार्ड भी क्रिप्टो करेंसी में ही मिलते हैं. कंपनी आपको क्रिप्टो क्रेडिट कार्ड जारी करती है जिससे आप खर्च कर सकते हैं और बाद में भुगतान कर सकते हैं.
लेनदेन और भुगतान दोनों क्रिप्टो में
देखा जाए तो सामान्य क्रेडिट कार्ड और क्रिप्टो क्रेडिट कार्ड के काम करने के तरीके में कोई अंतर नहीं है. अंतर सिर्फ इतना ही है कि इसमें पूरा लेन-देन क्रिप्टोकरेंसी में ही होता है. यानी आपको क्रेडिट कार्ड का भुगतान भी क्रिप्टोकरेंसी में करना होता है.
कंपनियों के रिवॉर्ड
क्रिप्टोकरेंसी जारी करने वाली कंपनियां ऐसे कार्ड जारी कर रही हैं. कई कंपनियों के कार्ड्स पर रिवार्ड भी अलग-अलग तरह से दिए जा रहे हैं. जैसे जेमिनी क्रेडिट कार्ड पर बिटकॉइन में तीन फीसदी का पेबैक मिलता है. यह पेबैक खरीदारी के तुरंत बाद यूजर के जेमिनी अकाउंट में जमा हो जाता है.
साथ ही ब्लॉकफाई क्रेडिट कार्ड यूजर को 1.5 फीसदी का कैशबैक देता है. इसकी खास बात यह है कि आप यह कैशबैक बिटकॉइन और इथीरियम जैसी 10 तरह की क्रिप्टोकरेंसी में प्राप्त कर सकते हैं. इसी तरह सोफाई, वेन्मो क्रेडिट कार्ड भी इसी तरह रिवार्ड दे रहे हैं.
इस बात पर जरूर ध्यान दें
यहां एक बात की सावधानी रखनी चाहिए. पारंपरिक क्रेडिट कार्ड की तरह क्रिप्टो क्रेडिट कार्ड में भी भुगतान में देरी होने पर भारी ब्याज दर का सामना करना पड़ सकता है और आधिकारिक मुद्राओं के मुकाबले क्रिप्टो की ऊंची कीमतें आपकी जेब को तगड़ा झटका दे सकती हैं.
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