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कांग्रेस के कद्दावर नेता कपिल सिब्बल पार्टी के चिंतन शिविर में नहीं होंगे शामिल? जानें- पूरी खबर

राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस पार्टी का तीन दिवसीय चिंतन शिविर आयोजित होने जा रहा है, जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मशहूर वकील कपिल सिब्बल ने लगभग नहीं शामिल होंगे. सिब्बल सुप्रीम कोर्ट में देशद्रोह कानून के खिलाफ कानूनी लड़ाई का नेतृत्व कर रहे हैं. कांग्रेस में परिवर्तन चाहने वाले नेताओं में से एक प्रमुख आवाज सिब्बल, राज्यसभा सांसद और एक पूर्व केंद्रीय मंत्री के रूप में कांग्रेस की 400 चुनिंदा आमंत्रितों की सूची में शामिल हैं. हालांकि उन्होंने अभी तक कार्यक्रम में अपनी भागीदारी को लेकर पुष्टि नहीं की है.

सिब्बल पर मौन राहुल गांधी

जानकारी के मुताबकि कांग्रेस पार्टी के एक पदाधिकारी ने स्वीकार किया कि सिब्बल ने अभी बैठक में अपनी उपस्थिति की पुष्टि नहीं की है. हालांकि, यह सभी जानते हैं कि सिब्बल हमेशा खुद को “एक प्रतिबद्ध कांग्रेसी” के रूप में आगे रखते हुए इस बात को आगे बढ़ाते रहे हैं कि कांग्रेस के पुनरुद्धार के लिए नेतृत्व में बदलाव और कार्यात्मक सुधारों से कम कुछ भी नहीं होना चाहिए. जबकि राहुल गांधी और प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला सहित कांग्रेस नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना की, वे कानूनी लड़ाई का नेतृत्व करने में सिब्बल की भूमिका पर आधिकारिक तौर पर चुप रहे. एक समय था जब एआईसीसी सिब्बल को अपनी आधिकारिक ब्रीफिंग में प्रदर्शित करता था, जब उन्होंने तत्कालीन सीजेआई पर महाभियोग सहित कई हाई-प्रोफाइल कानूनी लड़ाइयों का नेतृत्व किया था.

इन बड़े केसों को लड़ चुके हैं सिब्बल

बीते कुछ समय में कपिल सिब्बल ने सीएए विरोधी, निजता का अधिकार, मराठा कोटा और जहांगीरपुरी अतिक्रमण के विरुद्ध कार्रवाई के खिलाफ कई मामले उठाए, जिसने भाजपा सरकार की नीतियों और राजनीति को चुनौती दी. उनकी हालिया कानूनी लड़ाई में से एक झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को खनन मामले में चुनाव आयोग और भाजपा से बचाने की कोशिश करना है.

 

 

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