आइसक्रीम के अलावा कुल्फी एक ऐसी चीज है जो गर्मी में हर किसी को पसंद आती है। पर क्या आपको मालूम है कि कुल्फी सबसे पहले किसने और कब खाई थी? आइए जानते हैं कुल्फी के इतिहास और उससे जुड़े कई दिलचस्प फैक्ट्स के बारे में-
यह तो हम सब जानते ही हैं कि कुल्फी की बनावट आइसक्रीम से बिल्कुल अलग होती है। इसका स्वाद बहुत ही स्वादिष्ट होता है, जिसे खाने में अलग ही मजा आता है। पर भारत में इसकी शुरुआत 16वीं शताब्दी में हुई थी। यह दौर मुगल साम्राज्य के शासन काल का है।
हालांकि, मुगल काल में कुल्फी का मिश्रण थोड़ा गाढ़ा बनाया जाता था। इसमें केसर, पिस्ता और चीनी डालकर धातु के शंकु में पैक किया जाता था। कई लोगों का मानना है कि कुल्फी बनाने के लिए बर्फ और नमक के घोल का भी इस्तेमाल किया जाता था।
धीरे-धीरे कुल्फी का स्वाद दक्षिण भारत और देश के अन्य हिस्सों तक पहुंचने लगा। फिर इस आइसक्रीम को कवर्ड कप यानि कुल्फी के नाम से जाना जाने लगा।
कहां से आई कुल्फी?
इतिहास के अनुसार कुल्फी का जन्म ईरान या पारस में हुआ होगा। तब कुल्फी को कंडेंस्ड फ्लेवर्ड और केसर से बनाया जाता था। फिर किसी धातु के कंटेनर में बंद करके जमाया जाता था। वहीं, दूसरी तरफ छठी शताब्दी ईसा पूर्व से ही ईरानी फलों के जूस को बर्फ में मिलाकर कुल्फी को बनाते थे। इसका स्वाद काफी यूनिक हुआ करता था। आप भी कुल्फी का लुत्फ उठा सकते हैं।
अकबर का था पसंदीदा डेजर्ट
अकबरनामा के अनुसार कुल्फी अकबर का सबसे पसंदीदा डेजर्ट था। यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि इस बात का उल्लेख अकबरनामा में मिलता है। कहा जाता है कि कुल्फी को बादशाह अकबर को खुश करने के लिए बनाया गया था। कहा जाता है कि बर्फ को लाने के लिए मुगल साम घुड़सवारों के बीच रेस रखी गई थी।