महामारी की दूसरी लहर के चलते देश में ज्यादातर लोगों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. ऐसे में कई बैंक व्यक्तियों को कोविड 19 के इलाज के लिए 5 लाख रुपये तक के अनसिक्योर्ड लोन और स्वास्थ्य सुविधाओं को बनाने के लिए 100 करोड़ रुपये तक के व्यावसायिक लोन की पेशकश करेंगे. इस योजना की घोषणा रविवार को एसबीआई के अध्यक्ष दिनेश खारा और भारतीय बैंक संघ के अध्यक्ष राजकिरण राय ने की है. दिनेश खारा ने बताया कि एसबीआई ने अपने अनसिक्योर्ड लोन की ब्याज दर 8.5 प्रतिशत करने का फैसला किया है.
राजकिरण राय ने कहा कि अप्रैल तक बैंकों को कर्ज अदा करने में कोई दिक्कत नहीं आई है. हालांकि मई में गिरावट देखी गई थी, लेकिन संख्या का अंदाजा लगाना जल्दबाजी होगी. साथ ही कहा गया है कि ऋण के पुनर्गठन की मांग करने वाले व्यक्ति बैंक की वेबसाइट पर आवेदन कर सकते हैं या मैन्युअल रूप से प्रस्ताव जमा कर सकते हैं. उधारकर्ता और बैंक दोनों को आवेदन के 30 दिनों के भीतर समाधान योजना के लिए सहमत होना होगा और 30 सितंबर समाधान योजना को अंतिम रूप देने का अंतिम दिन होगा.
दिनेश खारा ने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने व्यक्तियों, छोटे व्यवसायों और एमएसएमई को 25 करोड़ रुपये तक के ऋण के पुनर्गठन के लिए एक टेम्पलेट तैयार किया है. उन्होंने कहा कि बैंक सक्रिय रहेंगे और एसएमएस के माध्यम से पात्र ग्राहकों तक पहुंचेंगे. ये ऋण नर्सिंग होम, क्लीनिक, डायग्नोस्टिक सेंटर और पैथोलॉजी लैब जैसे हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण और सर्विसिंग में लगे किसी भी व्यक्ति के लिए उपलब्ध होगा.
व्यक्तिगत ऋण सभी व्यक्तियों को स्वयं या परिवार के सदस्य के इलाज के लिए उपलब्ध होगा. जिसमें न्यूनतम ऋण राशि 25,000 रुपये होगी और ये अवधि अधिकतम पांच साल के लिए होगी. आरबीआई ने इस महीने की शुरुआत में इस तरह के अग्रिमों के लिए प्राथमिकता क्षेत्र की स्थिति के साथ 50,000 करोड़ रुपए तक पुनर्वित्त की पेशकश करके ऋणदाताओं को ऐसे ऋण प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया था.
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