प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को ऐलान किया कि 18 साल से ऊपर के सभी लोगों के वैक्सीनेशन पर आने वाला खर्च केन्द्र सरकार राज्यों की जगह खुद वहन करेगी. इसके साथ ही, प्रधानमंत्री गरीब कल्याणा योजना के तहत मिलने वाले राशन की समय-सीमा को दीवाली यानी नवंबर तक बढ़ा दिया गया है. समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया केन्द्र के इस एलान के बाद केन्द्र सरकार को वैक्सीन और अनाज पर अतिरिक्त 1.45 लाख करोड़ रुपये खर्च करने पड़ेंगे.
देश के सभी वयस्कों पर मुफ्त वैक्सीनेशन में करीब 45 हजार करोड़ से लेकर 50 हजार करोड़ रुपये तक का खर्च आएगा. यह सरकार की तरफ से तय बजट 35 हजार करोड़ रुपये से कहीं ज्यादा है. इसके साथ ही, करीब 80 करोड़ लोगों को हर महीने 5 किलो गेहूं या चावल और एक किलो दाल पर करीब 1.1 लाख करोड़ से 1.3 लाख रुपये तक खर्च आएगा. पीटीआई ने बताया कि इस तरह से 1.45 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करने पड़ेंगे.
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने वैक्सीनेशन पॉलिसी में बदलाव करते हुए सोमवार को यह ऐलान किया कि 21 जून से 18 साल के ऊपर के सभी लोगों को मुफ्त वैक्सीन लगाई जाएगी. इसके साथ ही, मुफ्त अनाज योजना की समय-सीमा जून में खत्म हो रही थी उसे बढ़ाकर नवंबर तक कर दिया गया है.
पीटीआई ने बताया कि हालांकि, सूत्रों ने यह संकेत दिया है कि सरकार को उम्मीद से ज्यादा मिल चुका है यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के लाभांश के तौर पर और पेट्रोल-डीजल से टैक्स के रूप में 99,122 करोड़ रुपये. इन दोनों से पर्याप्त फंड वैक्सीन और मुफ्त अनाज के लिए आ चुका है. हालांकि, सूत्रों न ये नहीं बताया कि वैक्सीन की कहां से और कैसे खरीद की जाएगी.
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