इस साल हिमालय के अमरनाथ शिखर पर विराजमान भगवान शंकर के प्रसिद्ध शिवलिंग दर्शन हो सकते हैं. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस बात के संकेत दिए हैं. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि सरकार जल्द ही वार्षिक अमरनाथ तीर्थयात्रा आयोजित करने पर फैसला करेगी. हालांकि मनोज सिन्हा ने स्पष्ट किया कि जब तक पूरी तरह लोगों की सुरक्षा की समीक्षा नहीं की जाएगी, तब तक इस पर फैसला नहीं लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि लोगों की जान बचाना उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है.
पिछले साल यात्रा नहीं हुई थी
हिमालय के ऊंचाई वाले हिस्से में 3880 मीटर ऊंचाई पर स्थित भगवान शिव की गुफा के लिए 56-दिवसीय यात्रा 28 जून को पहलगाम और बालटाल मार्गों से शुरू होनी है. यह यात्रा 22 अगस्त को समाप्त होगी. यह पूछे जाने पर कि क्या इस साल अमरनाथ तीर्थयात्रा होगी, सिन्हा ने कहा, मैं पहले ही कह चुका चुका हूं कि लोगों की जान बचाना ज्यादा जरूरी है. कोविड महामारी को ध्यान में रखते हुए हम जल्द ही इस पर फैसला करेंगे. जब उनसे पूछा गया कि कब तक इस पर निर्णय लिया जाएगा तो उन्होंने कहा शायद कल तक. 2020 में महामारी के कारण तीर्थयात्रा रद्द कर दी गई थी.
जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा पर अमित शाह के साथ बैठक
इससे पहले, सिन्हा ने विकास की पहलों के अलावा, जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई गई बैठक में हिस्सा लिया. बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, केंद्र सरकार तथा जम्मू कश्मीर प्रशासन के शीर्ष सुरक्षा और खुफिया अधिकारी शामिल हुए. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री को जम्मू-कश्मीर में मौजूदा सुरक्षा स्थिति और वहां किए जा रहे सुरक्षा उपायों के बारे में जानकारी दी गई. उन्होंने कहा कि शीर्ष अधिकारियों ने शाह को नियंत्रण रेखा और पाकिस्तान से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थिति के बारे में भी बताया.
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