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गोपालकृष्ण गांधी ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए विपक्षी दलों के नेताओं के अनुरोध को अस्वीकार

पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी ने आगामी राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए विपक्षी दलों के नेताओं के अनुरोध को सोमवार को अस्वीकार कर दिया और कहा कि चुनाव में ऐसा उम्मीदवार होना चाहिए जिसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर सहमति हो और विपक्षी एकता सुनिश्चित हो।

विपक्षी दलों ने दिया प्रस्ताव

एक बयान में गोपालकृष्ण गांधी (77) ने कहा कि विपक्षी दलों के कई नेताओं ने राष्ट्रपति पद के आगामी चुनावों में विपक्ष का उम्मीदवार बनने के लिए उनके नाम पर विचार किया जो उनके लिए सम्मान की बात है।

इस वजह से किया इनकार 

गांधी ने कहा, ‘मैं उनका अत्यंत आभारी हूं। लेकिन इस मामले पर गहराई से विचार करने के बाद मैं देखता हूं कि विपक्ष का उम्मीदवार ऐसा होना चाहिए जो विपक्षी एकता के अलावा राष्ट्रीय स्तर पर आम सहमति पैदा करे।’ गांधी ने कहा, ‘मुझे लगता है कि और भी लोग होंगे जो मुझसे कहीं बेहतर काम करेंगे। इसलिए मैंने नेताओं से अनुरोध किया है कि ऐसे व्यक्ति को अवसर देना चाहिए। भारत को ऐसा राष्ट्रपति मिले, जैसे कि अंतिम गवर्नर जनरल के रूप में राजाजी (सी राजगोपालाचारी) थे और जिस पद की सबसे पहले शोभा डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने बढ़ाई।’

गांधी जी के परपोते हैं गोपालकृष्ण गांधी

पूर्व नौकरशाह गोपालकृष्ण गांधी ने दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त के रूप में भी काम कर चुके हैं। गोपालकृष्ण, महात्मा गांधी के परपोते और सी राजगोपालाचारी के परनाती हैं।

अब तक 4 नेताओं ने ठुकराया प्रस्ताव

उल्लेखनीय है कि गोपाल कृष्ण गांधी से पहले और भी 3 नेता विपक्ष के इस प्रस्ताव को ठुकरा चुके हैं। इनमें शरद पवार, एच डी देवेगौड़ा और फारुख अब्दुल्ला शामिल थे।

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