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टाइटैनिक का मलबा देखने पनडुब्बी टाइटन में सवार सभी 5 लोगों की मौत, सभी से साइन करवाया था डेथ कांट्रेक्ट

इंटरनेशनल न्यूज़। टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने अटलांटिक सागर के अंदर गयी टाइटन पनडुब्बी में सवार टाइटैनिक मामलों के एक प्रमुख विशेषज्ञ, एक ब्रिटिश अरबपति, पाकिस्तान के एक अमीर परिवार के दो सदस्यों और इस मिशन को संचालित करने वाली कंपनी के सीईओ की इस सप्ताह मौत हो गयी। अमेरिकी तटरक्षक ने गुरुवार को कहा था कि उत्तर अटलांटिक की गहराई में इस भयावह घटना के बाद कोई जीवित नहीं बचा है। हालांकि पनडुब्बी में पहले कभी सफर करने वाले शख्स माइक रीस ने बताया की यात्रियों से पहले ही डेथ कॉन्ट्रेक्ट पर साइन करवाया गया।

टाइटैनिक के मलबे से एक रोबोट मिलने के बाद बृहस्पतिवार को पनडुब्बी की तलाश जारी रही। फर्स्ट कोस्ट गार्ड डिस्ट्रिक्ट के रियर एडमिरल जॉन मौगर ने कहा कि तलाशी की कोशिशें जारी रहेंगी लेकिन लोगों के मिलने की संभावना नहीं लगती।

टाइटन में एक पायलट और चार अन्य लोग सवार थे। उनकी जानकारी इस प्रकार है:

स्टॉकटन रश: रश ने समुद्री खोजों और अनुसंधान के लिए चालक दल वाली पनडुब्बियों की सेवा देने के लिहाज से 2009 में ओशनगेट इंक. की स्थापना की थी। यह जानकारी कंपनी की वेबसाइट पर दी गयी है। कंपनी के प्रवक्ता एंड्रयू वोन केरेन्स ने कहा कि रश टाइटन के पायलट थे।

हेमिश हार्डिंग: ब्रिटिश कारोबारी हार्डिंग दुबई में रहते थे। वह विमानन क्षेत्र की कंपनी ‘एक्शन एविएशन’ के चेयरमैन थे। कंपनी ने कहा कि वह मिशन के विशेषज्ञ थे। उनके नाम तीन गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड थे। इसमें एक पनडुब्बी द्वारा समुद्र की पूरी गहराई में सबसे लंबे समय तक रहने का रिकॉर्ड है।

शहजादा और सुलेमान दाऊद: शहजादा और उनके बेटे सुलेमान पाकिस्तान के एक प्रमुख अमीर परिवार से नाता रखते थे। परिवार ने एक बयान में कहा था कि वे दोनों पनडुब्बी में सवार थे। कराची से संचालित उनकी कंपनी दाऊद हरक्युलिस कॉर्प कृषि, पेट्रोरसायन और दूरसंचार के क्षेत्र में काम करती थी।

पॉल-हेनरी नार्गियोलेट: वह फ्रांसीसी नौसेना के पूर्व अधिकारी थे जिन्हें टाइटैनिक विशेषज्ञ माना जाता था। उन्होंने पिछले कई वर्षों में मलबे तक अनेक यात्राएं की थीं। वह गहरे पानी में अनुसंधान करने वाले ई/एम समूह और आरएमएस टाइटैनिक इंक के निदेशक थे।

मैं टाइटैनिक आपदा की समानताओं से हैरान हूं
वहीं, ‘‘टाइटैनिक” फिल्म के निर्माता जेम्स कैमरून ने कहा कि वह 1912 में इस ऐतिहासिक जहाज के डूबने की घटना और हाल में इसका मलबा देखने के लिए एक सबमर्सिबल पर सवार होकर गए यात्रियों की मौत के बीच समानताओं से हैरान हैं। टाइटैनिक जहाज की आपदा को लेकर इसी नाम से 1997 में आयी फिल्म से पहचान बनाने वाले कैमरून ने कहा कि समुद्र संबंधी इंजीनियरिंग समुदाय के कई सदस्य इस पनडुब्बी को लेकर चिंतित थे। हॉलीवुड फिल्म निर्माता ने कहा, ‘‘मैं टाइटैनिक आपदा की समानताओं से हैरान हूं, जहां कैप्टन को उसके जहाज के आगे बर्फ के बारे में बार-बार आगाह किया गया था और फिर भी वह अंधेरे में बर्फ की चट्टानों पर पूरी गति के साथ चलता रहा। और इसके परिणामस्वरूप कई लोग मारे गए।” टाइटैनिक का मलबा देखने के लिए खुद 33 बार गहरे समुद्र में उतर चुके फिल्म निर्माता ने कहा कि यह ‘‘बहुत विचित्र” है कि 100 साल से अधिक समय बाद उसी स्थान पर वैसी ही एक घटना हुई।

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