राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को लेकर यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने बड़ा फैसला किया है। राष्ट्रपति चुनाव में बहुजन समाज पार्टी द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करेगी। लखनऊ में मायावती ने आज ऐलान किया कि बसपा इस चुनाव में द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देगी। उन्होंने ये भी कहा कि ये फैसला हमने अपनी पार्टी और आंदोलन को ध्यान में रखते हुए लिया है। ये फैसला ना ही बीजेपी और एनडीए के पक्ष में है और ना ही विपक्ष के विरोध में है। गौरतलब है कि एनडीए कैंडिडेट द्रौपदी मुर्मू आदिवासी समुदाय से हैं। ऐसे में बसपा के सामने ये बड़े असमंजस की बात थी कि वह विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन करे या एनडीए के उम्मीदवार का।
कौन हैं द्रौपदी मुर्मू?
द्रौपदी मुर्मू झारखंड की पूर्व राज्यपाल हैं और वह देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद के लिए चुनाव लड़ने वाली पहली आदिवासी नेत्री होंगी। देश की पहली आदिवासी महिला राज्यपाल होने का कीर्तिमान उनके नाम पर पहले ही दर्ज है। झारखंड में राज्यपाल के तौर पर कुल 6 साल एक माह 18 दिन का उनका कार्यकाल निर्विवाद तो रहा ही, राज्य के प्रथम नागरिक और विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति के रूप में उनकी पारी यादगार रही है। कार्यकाल पूरा होने के बाद वह 12 जुलाई 2021 को झारखंड से राजभवन से उड़ीसा के रायरंगपुर स्थित अपने गांव के लिए रवाना हुई थीं और इन दिनों वहीं प्रवास कर रही हैं।
विपक्ष ने यशवंत सिन्हा को मैदान में उतारा
विपक्षी दलों के बीच राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार के तौर पर झारखंड के हजारीबाग निवासी कद्दावर नेता यशवंत सिन्हा के नाम पर सहमति बनी है। अब सत्ताधारी एनडीए की ओर से झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू उम्मीदवार बनाई गई हैं तो यह भी एक अनूठा संयोग ही माना जाएगा। यशवंत सिन्हा के बाद चचार्ओं में द्रौपदी मुर्मू का नाम सामने आने से झारखंड के सियासी हलकों में भी कौतूहल और उत्साह का माहौल है।
राष्ट्रपति पद के लिए 18 जुलाई को चुनाव
राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 29 जून है। देश के नए राष्ट्रपति के लिए 18 जुलाई को चुनाव होना है और वोटों की गिनती 21 जुलाई को होगी। चुनाव में मुकाबला एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू और विपक्षी दलों के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के बीच होना है।
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