बालोद। प्रदेश के कई जिलों में उत्पात मचाने के बाद हाथियों का दल बालोद जिला मुख्यालय के करीब जंगलों में पहुंच गया है। यहां कई गांवों में हाथियों ने फसलों को नुकसान पहुंचाया है। घरों तो तोड़ दिए हैं।
घटना जिले में रविवार की रात हुई है। जहां कुछ गांवों में हाथियों ने उत्पात मचाया है। वन विभाग के अलर्ट जारी करने के बाद लोग सावधान हो गए। बालोद जिला क्षेत्र से लगे जंगलों में हाथियों का कई दल पहुंचा हुआ है। जहां हाथियों ने जंगल के लगे गांवों के मकानों व फसलों को नुकसान पहुंचाया।
रविवार की रात हाथियों ने बालोद वन परिक्षेत्र के तालगांव परिसर में तबाही मचाई। वन विभाग से मिली जानकारी अनुसार हाथियों का यह दल जिला कलेक्टोरेट से महज 2 किमी की दूरी पर मौजूद है। ऐसे में शहर तक पहुंचने में उन्हें देर नहीं लगेगी। अगर ऐसा हुआ तो बड़ी घटना घट सकती है।
वन विभाग से मिली जानकारी अनुसार बालोद जिले में बीते दो दिनों से हाथियों का खतरा बना हुआ है। यहां के बालोद वन परिक्षेत्र में लगभग 23 से 24 हाथी घूम रहे हैं। दो दिन तो किसी प्रकार के नुकसान की बात सामने नहीं आई, लेकिन रविवार को हाथियों ने फसलों को चौपट कर दियाय है। एक गरीब का घर भी तोड़ दिया। हाथियों ने तालगांव के रहने वाले राधेलाल का कच्चा मकान तोड़ दिया। वहीं आसपास के खेतों में घुसकर जमकर उत्पात मचाया।
हाथियों के दहशत के कारण पर्यटन स्थल सियादेवी मार्ग को भी ब्लॉक कर दिया गया है। सियादेवी मंदिर जाने वाले मार्ग के आसपास ही हाथियों ने अपना डेरा जमाया हुआ है। वन विभाग की टीम भी लगातार निगरानी कर रही है। वन विभाग ने पहले ही तालगांव, आदमाबाद विश्राम गृह, संयुक्त जिला कार्यालय, रक्षित आरक्षी केंद्र, झलमला, सिवनी, देऊरतराई, सेमरकोना, अंधियाटोला, देवारभाट व गस्तीटोला गांव के लोगों को अलर्ट कर दिया है।
बालोद के डीएफओ आयुष जैन ने बताया कि सोमवार तड़के 4.30 बजे का लोकेशन मिला है जिससे पता चला है कि हाथियों का दल कलेक्टोरेट से महज डेढ से दो किमी की दूरी पर है। इसके कारण शहरी क्षेत्र में हाथियों का खतरा पैदा हो गया है। यदि हाथियों का दल शहर में प्रवेश करता है तो परेशानी वाली बात हो सकती है। फिलहाल वन विभाग की टीम लगातार नजर रखे हुए है।