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संभागायुक्त श्री कावरे ने दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय में कुलपति का पदभार ग्रहण किया

० विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ साथ पशुपालन विकास के लिए भी करे प्रेरित – श्री कावरे
० किसी भी शोध का लाभ समाज के लोगो को अवश्य होना चाहिए — श्री दक्षिणकर

दुर्ग। दुर्ग संभाग के संभागायुक्त महादेव कावरे ने आज दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय दुर्ग के कुलपति का अतिरिक्त प्रभार ग्रहण किया गया।विश्वविद्यालय के निर्वृत्तमान कुलपति डॉ दक्षिणकर ने उन्हें अपना पदभार दिया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार श्री सोनवाने, वित्त अधिकारी श्री काले, विभिन्न कॉलेज के अधिष्ठाता श्री मुखर्जी, श्री दत्ता, श्रीमती गुप्ता एवं अधिकारी व कर्मचारीगण उपस्थित थे।

पदभार ग्रहण पश्चात संभागायुक्त एवं कुलपति महादेव कावरे एवं निर्वृत्तमान कुलपति श्री दक्षिणकर द्वारा वृक्षारोपण किया गया। विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ साथ पशुपालन विकास के लिए भी करे प्रेरित कार्यक्रम के तहत विश्वविद्यालय अंतर्गत आने वाले विभिन्न कॉलेज के अधिष्ठाताओ द्वारा श्री दक्षिणकर द्वारा किए गए अभूतपूर्व कार्य की प्रशंसा की गई साथ ही विश्वविद्यालय के लिए उनके द्वारा किए गए योगदान में के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

इसके पश्चात महादेव कावरे, कुलपति ने अपने संबोधन में कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा पूर्व में भी शासन की महत्वपूर्ण योजना नरूवा गरुवा घुरुवा बाड़ी के लिए भी काफी सहयोग किया गया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भी अनुसंधान, अधोसंरचना एवं विद्यार्थियों की शिक्षा के क्षेत्र में भी अनवरत रूप से विभिन्न प्रकार के कार्य किए जाएंगे साथ ही पशुपालन क्षेत्र में बनाई गई योजना का लाभ शहर से गांव के अंतिम छोर में रहने वाले किसानों एवं हितग्रहियों को मिले इस योजना से ही निरंतर कार्य किया जावेगा।

टीम वर्क के रूप में किए जाने वाले कार्य से मिलती है सफलता –
श्री कावरे ने उपस्थित अधिकारियों से कहा कि किसी भी टीम की सफलता में टीम के कैप्टन के साथ साथ सभी खिलाड़ियों का योगदान होता है उसी प्रकार विश्वविद्यालय में भी सभी अधिकारी एवं कर्मचारी टीम के रूप में मिलकर कार्य करेंगे जिससे कि विश्वविद्यालय को प्रदेश ही नहीं देश में नई ऊंचाई पर ले जाया जा सकता है।

विश्वविद्यालय के विभिन्न उपलब्धियों के लिए सहयोगियों को दिया धन्यवाद
किसी भी शोध का लाभ समाज के लोगो को अवश्य होना चाहिए .निर्वृत्तमान कुलपति श्री दक्षिणकर ने अपने उद्बोधन में कर्मचारियों को विश्वविद्यालय को प्राप्त उपलब्धियों के लिए अधिष्ठाता, प्राध्यापको एवं अधिकारियों द्वारा दिए गए सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया उन्होंने सोनकुकरी नस्ल एवं पोशली नस्ल, फाडर कैफेटेरिया के अनुसंधान में मिले उपलब्धि के लिए भी धन्यवाद एवं बधाई दी। श्री दक्षिणकर ने अधिष्ठाताओं एवं प्राध्यापको को कहा की शोध इस प्रकार का हो कि किसी शोध का लाभ समाज को मिले। इसके साथ ही उद्यमिता विकास एवं शिक्षा के अभिसरण से पशुपालन क्षेत्र में भी उपलब्धि प्राप्त किए जाने हेतु किए गए विशेष कार्य से अवगत कराया एवं इस हेतु अधिकारियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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