जगदलपुर। टीबी की रोकथाम के लिए बस्तर जिले में किए जा रहे लगातार प्रयासों का फल मिलने लगा है। इस बीमारी से पीड़ितों की संख्या काफी कम हो गई है। नए संक्रमित भी कम मिलने लगा है। ये जिले की बड़ी उपलब्धि है। इससे टीबी इंडेक्स रैंकिंग में बस्तर प्रदेश में अव्वल रहा।
इस गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों की खोज, संवेदनशील इलाकों में जांच, सर्वे के दौरान संभावित मरीजों की पहचान, उनका समय पर इलाज सहित निक्षय पोर्टल पर समय से हुई एंट्री आदि प्रमुख कारणों के कारण टीबी इंडेक्स रैंकिंग में 78 प्रतिशत अंक हासिल करते हुए बस्तर जिला प्रदेश के अन्य जिलों को पीछे छोड़ दिया है। ऐसा करते हुए राज्य में अव्वल रहा है।
क्षय रोग से मुक्ति के लिए जिले में समय-समय पर विशेष अभियान चलाया जाता रहा है। ऐसे प्रयास से सफलता मिल रही है। इसके तहत यहां के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में क्षय रोगियों (टीबी रोगियों) की पहचान की गई।
जनवरी 2022 से जून 2022 तक कुल 7,314 लोगों की स्क्रिनिंग हुई। जांच के बाद शासकीय और निजी अस्पतालों को मिलाकर कुल 745 टीबी के मरीज मिले हैं, जिनका पंजीकरण कर इलाज शुरू किया जा चुका है।
लक्ष्य ऐसा कि घर पर ही दवाई उपलब्ध कराई जा रही
मामले में सीएमएचओ आरके चतुर्वेदी ने जानकारी दी कि जिले के सभी शासकीय स्वास्थ्य केंद्रों में टीबी के इलाज के जांच की सुविधा और दवा उपलब्ध है। वर्तमान में जिले में कुल 34 एक्टिव डीएमसी (डेजिगनेटेड माइक्रोस्कोपी सेंटर) टीबी जांच के लिए उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त 8 शासकीय अस्पतालों में एक्सरे की सुविधा है। बस्तर में डॉट सेंटर्स या डॉट प्रोवाइडर्स के माध्यम से भी टीबी से पीड़ित मरीजों को घर के पास या घर पर ही दवाई उपलब्ध कराई जा रही है।
सीजी को 2023 तक टीबी मुक्त राज्य बनाने का लक्ष्य
सीएमएचओ ने बताया कि भारत से क्षय रोग को 2025 तक पूर्ण रुप से समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है, परंतु छत्तीसगढ़ शासन ने राज्य को 2023 तक टीबी मुक्त बनाने का निर्णय लिया है। इसके तहत बस्तर जिले में युद्ध स्तर पर टीबी नियंत्रण की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
एक मरीज कर सकता है 20 लोगों को संक्रमित
इसके फैलने के बारे में जानकारी दी गई कि एक मरीज ही काफी है। जिला क्षय नियंत्रण नोडल अधिकारी डॉ. सीआर मैत्री ने बताया कि टीबी के बैक्टीरिया सांस द्वारा शरीर में प्रवेश करते हैं। किसी रोगी के खांसने, बात करने, छींकने, थूकते समय बलगम या थूक की छोटी-छोटी बूंदें हवा में फैलने से कोई भी व्यक्ति संक्रमित हो सकता है।
कई घंटों तक हवा में रह सकता है इसका बैक्टीरिया
टीबी का बैक्टीरिया कई घंटों तक हवा में रह सकता है, जो स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में सांस के माध्यम से प्रवेश करके रोग पैदा कर सकता है। एक मरीज 15-20 स्वस्थ लोगों को संक्रमित कर सकता है।
ये हैं टीबी के प्रमुख लक्षण
टीबी के प्रमुख लक्षणों में दो सप्ताह या उससे अधिक समय तक खांसी का होना, खांसी के साथ बलगम आना, कभी−कभी थूक में खून आना, वजन का कम होना, भूख में कमी होना, सांस लेते हुए सीने में दर्द की शिकायत, शाम या रात के समय बुखार आना जैसे लक्षण हो सकते हैं। इन लक्षणों के होने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर अवश्यक रूप से जांच कराएं।