जगदलपुर। महिला बाल विकास विभाग बस्तर जिले में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। विभाग के जिम्मेदार इतने गैरजिम्मेदार हैं कि डेढ़ हजार गर्भवती और बच्चों के स्वास्थ्य पर बन आई है। बिना जांचे एक्सपायरी डेट की रेडी टू ईट का वितरण करवा दिया गया। ऐसे में कुपोषण से लड़ने में विभाग ही बाधा बन रहा है।
मामले के अनुसार बस्तर जिले में आंगनवाड़ी केंद्रों में वितरण किए जाने वाले रेडी टू ईट गड़बड़ी का मामला सामने आया है. आंगनबाड़ी केंद्रों में दिए जाने वाले रेडी टू ईट में भारी लापरवाही बरतते हुए एक्सपायरी डेट की रेडी टू इट फूड वितरण कर दिया गया है.
बस्तर के 40 केंद्रों में बांट दिए
मामले के अनुसार बस्तर जिले के बस्तर विकासखंड के दो पंचायत केसरपाल और बाकेल में करीब 40 केंद्र हैं। इन आंगनबाड़ियों में लगभग 1500 से अधिक गर्भवती महिला और बच्चे हैं, जिनके जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। विभाग की लापरवाही ऐसी कि उन्हें एक्सपायरी डेट की रेडी टू ईट वितरण कर दिया गया।
जब पता चला तब तक सबको बंट चुका था
मामले की जानकारी मिलते ही गांव वालों ने तुरंत इसकी जानकारी आंगनवाड़ी केंद्रों में दी। उसके बाद आनन-फानन में खाद्य पदार्थों का वितरण रुकवाया गया, लेकिन तब तक सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में रेडी टू ईट वितरण कर दिया गया था। मामले की जानकारी मिलने के बाद महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी ने जांच कर कार्रवाई की बात कही है।
बिना गुणवत्ता जांच के बांटे जा रहे
बस्तर में कुपोषण जैसी गंभीर बीमारी से मुक्ति दिलाने रेडी टू ईट का वितरण बीज निगम विकास के द्वारा किया जा रहा है। इसकी सप्लाई भी राजधानी रायपुर से की जा रही है, लेकिन रेडी टू ईट की गुणवत्ता की जांच के लिए कोई जिम्मेदार इसकी सुध नहीं ले रहा। लिहाजा एक्सपायरी डेट की रेडी टू ईट फूड के पैकेट आंगनबाड़ी केंद्रों में वितरण किया गया।
एक्सपायरी डेट 4 जुलाई तक थी, 20 जुलाई को वितरण
ग्रामीणों ने बताया कि इसकी एक्सपायरी डेट 4 जुलाई तक की थी और 20 जुलाई को केंद्रों में वितरण किया गया। हालांकि इस दौरान बच्चो के पालकों की नजर पड़ी और तुरंत इसके वितरण में आपत्ति जताया और जिसके बाद आनन-फानन में इसके वितरण पर रोक लगा दी गई। फिलहाल इस मामले में अब महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी एक्सपायरी डेट की रेडी टू ईट बांटे जाने पर इसकी जांच कराकर कार्रवाई करने की बात कही है।