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खेल मड़ईः 17 जिलों के 700 प्रतिभागी दिखा रहे हैं पारंपरिक खेलों में प्रतिभा

रायपुर। राजधानी में विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर दो दिवसीय पारंपरिक खेल मड़ई का आयोजन स्वामी विवेकानंद स्टेडियम, कोटा रायपुर में किया जा रहा है। जहां खेल मडई में राज्य भर से 17 जिलों के लगभग 700 प्रतिभागी हिस्सा ले रहें है।

खेल मड़ई में विशेष रूप से संरक्षित जनजातियों की पारंपरिक खेलों का प्रदर्शन किया जा रहा है। विवेकानंद स्टेडियम कोटा में आयोजित किए जा रहे खेल मड़ई में फुगड़ी, गेड़ी, रस्साकसी, मटका दौड़ सहित अन्य पारंपरिक खेलों में प्रदेशभर से आए प्रतिभागी पारंपरिक खेलों में अपनी प्रतिभा दिखा रहे हैं। उनमें खासा उत्साह देखा जा रहा है

इस मड़ई में तीरंदाजी विशेष आकर्षण का केन्द्र है। जनजातीय महोत्सव में स्कूली बच्चों के साथ ही युवाओं ने भी हिस्सा लिया है। आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम के मार्गदर्शन में राज्य गठन के बाद संभवतः यह पहला अवसर है जब विशेष रूप से संरक्षित जनजातियों के पारंपरिक खेल मड़ई का इतने व्यापक राज्य स्तर पर आयोजन किया जा रहा है।

आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा आयोजित किए जा रहे इस खेल प्रतियोगिता में विभिन्न जनजातीय समुदायों द्वारा पारंपरिक रूप से खेले जाने वाले खेल जैसे तीरंदाजी, गुलेल, मटका दौड़, गिल्ली-डंडा, गेड़ी दौड़, भौंरा, फुगडी, बिल्ला रस्सा खींच, सत्तुल, भारा दौड, बोरा दौड, सुई-धागा दौड, मुदी लुकावन, तीन टंगड़ी दौड़ तथा नौकायन आदि का आयोजन किया जा रहा है।

बालक एवं बालिकाओं के लिए दो वर्ग 14 वर्ष से 18 वर्ष आयु तथा खुली प्रतियोगिता अंतर्गत 18 वर्ष एवं अधिक की महिला एवं पुरुषों के लिए पारंपरिक रूप से खेले जाने वाले खेल के तहत प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं।

उल्लेखनीय है कि जिला स्तर पर जनजातीय अभिकरण क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी विकासखण्डों से खेलवार विशेष संरक्षित जनजातीय समुदायों से एंट्री आमंत्रित कर विगत 22 से 28 जुलाई तक खेल प्रतियोगिता जिलों में आयोजित की गई थी। जिला स्तर से चयनित प्रतिभागी इस प्रतियोगिता में शामिल हो रहे हैं।

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