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जागरूकताः इंजीनियरिंग छात्र बता रहे हैं क्या है पॉक्सो एक्ट, इसके अपराध और रोकथाम की दे रहे जानकारी

रायपुर। शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज रायपुर की एनएसएस इकाई के स्वयं सेवकों ने पॉक्सो एक्ट 2012 के तहत जुड़ी अनेक जानकारियों के लिए जागरूकता अभियान चला रहा है। वक्ताओं ने बताया कि यह किस तरह का अपराध है। इसे हम कैसे रोक सकते हैं।

बता दें कि साक्षी संगठन जो दिल्ली की एक क्षमता निर्माण संगठन है जो 1992 से जेंडर भेदभाव को रोकने के लिए काम कर रहा है। ये संगठन कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न और बाल यौन शोषण के खिलाफ काम करने में अग्रणी है।

इसी के तहत शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर प्रशांत साहू, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भिलाई के सहायक प्रोफेसर पवन कुमार मिश्रा, श्री शंकराचार्य इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी रायपुर के सहायक प्रोफेसर आनंद ताम्रकर के मार्गदर्शन में एक जागरूकता कार्यशाला का आयोजन ऑनलाइन माध्यम से आयोजित किया गया।

कार्यशाला में स्पीकर के रूप में सिनियर ट्रेनर, नेशनल एडवेंचर फाउंडेशन, महाराष्ट्र चैप्टर श्रीमती भारती एन गोमसे के निर्देशक थीं। कार्यक्रम के अंतर्गत छात्रों को सर्वप्रथम पॉक्सो एक्ट के इस कानून के जरिए नाबालिग बच्चों के प्रति यौन उत्पीड़न, यौन शोषण और पोर्नोग्राफी जैसे यौन अपराध और छेड़छाड़ के मामलों में कार्रवाई की जाती है। से अवगत कराया गया।

इसमें साइबर अपराध, बच्चों से इस विषय में किस प्रकार बात की जाए, समानता का अधिकार, अभिभावकों की भूमिका तथा एक्ट से जुड़े अन्य पहलुओं पर चर्चा की गई। वेबीनार को परस्पर संवाद आत्मक बनाने के लिए कुछ विषयों को वीडियो के माध्यम से समझाया गया। वहीं मामले में छात्रों से भी राय ली गई।

साक्षी संगठन द्वारा एक प्री-एसेसमेंट फॉर्म और पोस्ट-एसेसमेंट फॉर्म छात्रों को भरने कहा गया, जिससे वेबिनर के माध्यम से छात्रों में जागरूकता का स्तर देखा जा सके। वक्ताओं ने कहा इच्छुक छात्र संगठन का हिस्सा भी बन सकते हैं।

कार्यशाला में एक कविता- मशाल बन-मिशाल बन, ना करेंगे-ना करने देंगे,
हो रहा है-तो रोक देंगे, अगर हुआ है-तो बोल के रहेंगे.. के माध्यम से भी जागरूकता की राह दिखाई गई। इस कार्यशाला में 70 स्वयं सेवकों ने भागीदारी दी।

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