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77वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में 1,800 ‘विशेष अतिथियों’ को किया गया आमंत्रित, लाल किले पर PM नरेन्द्र मोदी फहराएंगे राष्ट्रीय ध्वज

नेशनल न्यूज़। संसद के नए भवन के निर्माण से जुड़े कई श्रमिकों सहित विभिन्न क्षेत्रों से लगभग 1,800 ‘विशेष अतिथियों’ को 15 अगस्त को लाल किले पर 77वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे और इस ऐतिहासिक स्मारक की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करेंगे। रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया कि प्रत्येक राज्य, केन्द्र-शासित प्रदेश से 75 जोड़ों को भी उनके पारंपरिक परिधान में लाल किले में आयोजित होने वाले समारोह को देखने के लिए आमंत्रित किया गया है।

मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रीय समर स्मारक, इंडिया गेट, विजय चौक सहित 12 स्थानों पर सरकार की विभिन्न योजनाओं और पहल को समर्पित ‘सेल्फी प्वाइंट’ बनाये गए हैं। बयान में कहा गया कि लाल किले पर समारोह का हिस्सा बनने के लिए देश भर से विभिन्न पेशों से जुड़े 1,800 लोगों को उनके जीवनसाथी के साथ ‘‘विशेष अतिथि” के रूप में आमंत्रित किया गया है। मंत्रालय ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस वर्ष बड़ी संख्या में अतिथियों को आमंत्रित किया गया है।

विशिष्ट अतिथि के रूप में करीब 1,800 लोगों को उनके जीवनसाथी के साथ आमंत्रित किया गया है। यह पहल सरकार के ‘जनभागीदारी’ दृष्टिकोण के अनुरूप की गई है। बयान में कहा गया कि इन विशिष्ट अतिथियों में 660 से अधिक ‘वाइब्रेंट विलेज’ के 400 से अधिक सरपंच; किसान उत्पादक संगठन योजना से जुड़े 250 लोग; प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के 50-50 प्रतिभागी; नयी संसद भवन सहित सेंट्रल विस्टा परियोजना से जुड़े 50 श्रम योगी (निर्माण श्रमिक) शामिल हैं।

इसमें कहा गया है कि इसके अलावा खादी कार्यकर्ता, सीमा पर स्थित सड़कों के निर्माण, अमृत सरोवर और हर घर जल योजना से जुड़े लोगों के साथ-साथ प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक, नर्स और मछुआरे भी शामिल हैं। इनमें से कुछ विशिष्ट अतिथियों का दिल्ली में अपने प्रवास के दौरान राष्ट्रीय समर स्मारक का दौरा करने और रक्षा राज्यमंत्री श्री अजय भट्ट से मुलाकात करने का कार्यक्रम है। बयान में कहा गया है कि इस वर्ष के स्वतंत्रता दिवस पर ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ समारोह का समापन होगा और 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने के सपने को साकार करने के लिए देश नए उत्साह के साथ ‘अमृत काल’ में प्रवेश करेगा।

 

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