भारत में डिजिटल इंडिया का दौर चल रहा है. अधिकांश लोग आजकल अपना कार्य डिजटिल माध्यम से ही कर रहे है. डिजिटल इंडिया के समय में बैंक में खाता खोलना भी काफी आसान हो गया है. अब लोग ऑनलाइन माध्यम से घर बैठे भी बैंक का खाता खुलवा लेते हैं. पर कई ऐसे लोग है जो बैंक में खाता तो खुलवा लेते हैं पर उस अकाउंट को मेनटेन नहीं करते है.
बैंक में खुले अकाउंट में कोई ट्रांजेक्शन नहीं करते हैं. ऐसा नहीं करने से उनके बैंक अकाउंट इनएक्टिव हो जाते है. दरअसल अपने अकाउंट से ट्रांजेक्शन नहीं करने के वजह से ही बैंक उनलोगों के खाते को इनएक्टिक कर देता है. आज हम आपको बताएंगे बैंक कैसे आपके खाते को इनएक्टिक कर देता है.
कैसे इनएक्टिव हो जाता है बैंक खाता
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के दिशा-निर्देशों के अनुसार अगर आपका सेविंग या करंट अकाउंट में दो साल तक कोई भी लेन-देन नहीं होता है तो बैंक द्वारा उस अकाउंट या खाते को इनऑपरेटिव खाते में डाल दिया जाता है. इनऑपरेटिव खाते में जाने के बाद आपका अकाउंट इनएक्टिव हो जाता है.
अगर आपका खाता दस साल तक इनऑपरेटिव खाते में रह जाता है और उससे कोई ट्रांजेक्शन नहीं किया जाता है तो आपके उस अकाउंट में जमा पैसे और उसका ब्याज Education and Awareness Fund में ट्रांसफर कर दिया जाता है. बैंक इस प्रक्रिया के पहले अपने ग्राहक को इसकी सूचना भी दे देता है.
क्या है सलाह
अगर आपके पास भी बैंक अकाउंट है तो आप इस बात का ध्यान रखे की आप उसमें नियमित समय से ट्रांजेक्शन करते रहें, और अगर आपके पास एक से अधिक बैंक खाते हैं या अगर आपका कोई खाता आपके उपयोग में नहीं आ रहा है तो उसे बंद करवा दे. इसके अलावा अगर आपका कोई खाता बैंक द्वारा इनएक्टिव कर दिया गया है तो तुरंत अपने बैंक के ब्रांच में संपर्क करे और उस खाते को दोबार एक्टिव करवा ले.
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