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धर्म गुरुओं को राजनीति में आने की क्या आवश्यकता- शिव डहरिया

रायपुर। नगरीय निकाय मंत्री शिव डहरिया ने मीडिया को दिए एक बयान में कहा है कि धर्म गुरू लोगों को राजनीति में आने की क्या जरूरत है. समाज में इनकी प्रतिष्ठा खराब होती है. इससे सतनामी समाज की प्रतिष्ठा खराब होती है.

श्री डहरिया ने सवाल उठाया कि धर्मगुरू राजनीति में आकर क्या करना चाहते हैं. हमारे धर्मगुरू हमारे समाज को गिराने का काम कर रहे हैं. हालांकि चुनाव में कोई भी खड़ा हो, फर्क नही पड़ता.

उन्होंने कहा कि इस बार बालदासजी लड़ना चाहते हैं तो स्वागत है उनका. एक बार चुनाव लड़कर देख लें, मालूम चल जायेगा कि समाज उन्हें कितना सम्मान देता है. जानते चलें कि सतनामी समाज के धर्मगुरू बालदासजी ने हाल ही में भाजपा ज्वाइन कर ली है. वे आरंग विधानसभा से उम्मीदवार जता रहे हैं हालांकि पार्टी उन्हें टिकट देगी या नही, यह अभी तय नही है लेकिन बालदासजी क्षेत्र का दौरा शुरू कर दिया है और वे जनता को जागरूक कर रहे हैं.

इस संवाददाता से बातचीत में धर्मगुरू ने कहा कि अगर पार्टी टिकट देगी तो वे चुनाव अवश्य लड़ेंगे. आरंग की जनता बदलाव चाहती है. वह युवा प्रतिनिधित्व चाहती है.

उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार ने हमारे प्रमुख धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम जहां गगनचुंबी जैतखाम बनाया जिससे विश्व में सतनामी समाज का मान-सम्मान हुआ। ऐसी पार्टी को हम सबको सपोर्ट करना है।

हाल ही में सतनाम समाज के धर्मगुरु खुशवंत दास साहेब बालदास ने आरोप लगाया है कि भूपेश सरकार में पिछले पौने पांच साल में किसी भी प्रकार का एक रुपए का भी काम सतनामी समाज के लिए नहीं किया गया, चाहे भंडारपुरी की बात करें, चाहे गिरौदपुरी की बात करें या किसी सतनामी समाज के बच्चे या जवान, युवा साथी, बुजुर्ग, महिलाएं उनकी उन्नति और विकास के लिए एक रुपए का काम नहीं किया गया है। साथ ही सूबे के मुखिया भूपेश बघेल द्वारा सतनामी समाज को अपमानित करने का काम किया गया है।

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