बाबरी विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत तीस सितंबर को फैसला सुनायेगी. सीबीआई के विशेष जज एस के यादव ने लालकृष्ण आडवाणी, एमएम जोशी, कल्याण सिंह और उमा भारती समेत सभी आरोपियों को फैसले के दिन अदालत में उपस्थित रहने के निर्देश दिये हैं.
सीबीआई के वकील ललित सिंह ने बताया कि अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष दोनों की बहस एक सितंबर को समाप्त हो गयी, उसके बाद विशेष जज ने फैसला लिखना आरंभ कर दिया था. सीबीआई ने इस मामले में 351 गवाह और 600 दस्तावेजी सबूत अदालत के समक्ष पेश किये हैं.
छह दिसम्बर 1992 को विवादित ढांचा विध्वंस के इस मामले में पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, पूर्व केन्द्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, बीजेपी नेता विनय कटियार, महंत नृत्य गोपाल दास और साध्वी रितम्बरा समेत कुल 32 अभियुक्त हैं.
इससे पहले सभी आरोपियों की सुनवाई के दौरान ऑनलाइन पेशी हुई थी. बाबरी विध्वंस मामले में अदालत का फैसला 28 साल बाद आ रहा है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले से संबंधित मुकदमा 30 सितंबर तक पूरा करने का आदेश दिया था, लिहाजा विशेष अदालत का पूरा प्रयास है कि उक्त समयसीमा तक मामले में फैसला सुना दिया जाए.