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बूस्टर डोज का आज अंतिम दिन: प्राइवेट हॉस्पिटल में इसके लिए लोगों को देना होगा 390 रुपए

कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए फ्री में लगाए जा रहे बूस्टर डोज का आज अंतिम दिन है। अब बूस्टर डोज सिर्फ प्राइवेट हॉस्पिटल में ही लगेगा और इसके लिए लोगों को 390 रुपए देना होगा। फ्री में बूस्टर डोज लगाते 74 दिन हो चुका है। इसके बाद भी जिले में अब तक 14 लाख में से सिर्फ 3 लाख 87 हजार लोगों ने ही बूस्टर डोज लगवाया है। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की तमाम कोशिशों के बाद भी बूस्टर डोज लगवाने में बिलासपुर पिछड़ा रहा है। केंद्र सरकार ने आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर कोरोना का बूस्टर डोज मुफ्त में लगाने के लिए 30 सितंबर तक छूट दी थी। इसके बाद अब बूस्टर डोज लगाने के लिए 390 रुपए खर्च करना पड़ेगा। केंद्र सरकार ने 15 जुलाई से इस योजना को शुरू किया था। अब फ्री बूस्टर डोज के लिए सिर्फ एक दिन बाकी है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के लिए बूस्टर डोज वैक्सीनेशन के लक्ष्य को पाना नामुकिन है।

स्वास्थ्य विभाग का अमला हो गया फेल

लोगों को बूस्टर डोज लगवाने के लिए स्वास्थ्य विभाग का अमला पूरी तरह से फेल रहा। यही वजह है कि सभी प्रयास के बाद विभाग वैक्सीनेशन के लक्ष्य को पूरा नहीं कर सका। जबकि, स्वास्थ्य विभाग के साथ ही पंचायत और नगर निगम को भी इस काम में लगाया था। टीम को घर-घर जाकर सर्वे करने कहा गया और सड़कों पर मुनादी कराने के निर्देश भी दिए। फिर भी सारे प्रयास विफल साबित हुए। स्थिति यह है कि वर्तमान में 14 लाख 2 हजार लोगों को पहला, 13 लाख 98 हजार को दूसरा और 3 लाख 87 हजार लोगों को तीसरा यानि बूस्टर डोज लगा है। जबकि, 14 लाख लोगों को बूस्टर डोज लगाया जाना था।

कलेक्टर के आदेश का भी नहीं हुआ असर

बूस्टर डोज को 30 सितंबर तक 100 फीसदी लगाने के लिए कलेक्टर सौरभ कुमार ने भी स्वास्थ्य के साथ ही अन्य विभाग के अफसरों की बैठक ली थी। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को फटकार भी लगाई थी और समय से पहले टारगेट करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने इसके लिए महाभियान चलाने के लिए भी कहा था। लेकिन, उनके आदेशों का कोई असर नहीं हुआ और जिला वैक्सीनेशन में पिछड़ते चला गया। स्थिति यह है कि 74 दिनों में 34 फीसदी लोगों को कोरोना वैक्सीन का बूस्टर डोज लगाया जा सका है। वहीं, अभी भी जिले में करीब 10 लाख लोगों को बूस्टर डोज नहीं लग पाया है।

टीकाकरण अधिकारी बोले- डोर टू डोर सर्वे के बाद भी लक्ष्य अधूरा

टीकाकरण अधिकारी मनोज सेमुअल ने बताया कि बूस्टर डोज के लिए लोगों को प्रेरित किया गया। डोर-टू-डोर सर्वे कराया गया फिर भी बूस्टर डोज का लक्ष्य पूरा नहीं हो सका है। 30 सितंबर के बाद 18 से 59 वर्ष वालों को मुफ्त बूस्टर डोज नहीं लग सकेगा। आज के बाद उन्हें निजी अस्पतालों में जाकर शुल्क देकर वैक्सीन लगवाना पड़ेगा।

 

 

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