चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव की घोषणा कर दी है, चुनाव आयोग ने चुनाव की तारीखों की घोषणा करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में एक चरण में चुनाव होगा। 12 नवंबर को मतदान एवं 8 दिसंबर को काउंटिंग होगी। चुनाव के लिए अधिसूचना 17 अक्टूबर को जारी होगी, नामांकन करने की आखिरी तारीख 25 अक्टूबर है और 29 अक्टूबर तक नाम वापस ले सकते हैं।
चुनाव आयोग ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग सही तरीके से चुनाव करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। इलेक्शन फेयर और सही तरीके से करवाने का प्रयास करेंगे। कोविड की स्थिति अब बड़ी चिंता नहीं, लेकिन एहतियाती कदम जारी रखे जाएंगे। प्रत्येक मतदान केंद्र पर रैम्प, पेयजल एवं छायांकित क्षेत्र व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
घर बैठे मतदान कर सकेंगे वोटर्स
चीफ इलेक्शन कमिश्नर राजीव कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि 80 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग, कोरोना संक्रमित और दिव्यांग, जो वोट देना चाहते हैं, लेकिन पोलिंग बूथ तक नहीं आ सकते हैं, आयोग ऐसे वोटरों के घर जाकर उन्हें मतदान करने की सुविधा देगा। लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकें, इसके लिए पिक एंड ड्रॉप की सुविधा भी दी जाएगी, यह सुविधा विशेष परिस्थितियों में ही मिलेगी।
हिमाचल प्रदेश में कुल कितने वोटर?
मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने पीसी में कहा कि कुछ मतदान केंद्रों का प्रबंधन पूरी तरह से महिला कर्मचारियों एवं पीडब्ल्यूडी कर्मचारियों द्वारा किया जाना है। उन्होंने कहा कि विधानसभा की 68 सीटों में से 17 सीटें एससी वर्ग और 3 सीटें एसटी वर्ग के लिए आरक्षित हैं, हिमाचल में 55.07 लाख वोटर हैं। इनमें 27 लाख 80 हजार पुरुष और 27 लाख 27 हजार महिलाएं हैं।
आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों के बारे में बताना होगा
चुनाव आयोग तीन उद्देश्यों के साथ काम कर रहा है। पहला मुक्त, निष्पक्ष, समावेशी, सुलभ और प्रलोभन मुक्त चुनाव कराएं जाएं. दूसरा परेशानी मुक्त और आरामदायक मतदान का अनुभव मिले और तीसरा अधिकतम मतदाता भागीदारी हो। आयोग ने कहा कि मतदाता केवाईसी एप के द्वारा उम्मीदवार के बारे में से जान सकते हैं। इसके अलावा अगर राजनीतिक दल आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों को उतारती है तो पार्टी को ये बताना होगा कि ऐसी क्या बाध्यता थी कि ऐसे उम्मीदवारों को चुनना पड़ा।
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