नवरात्रि का पर्व 17 अक्टूबर से आरंभ हो रहा है. नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. इस दिन कलश की स्थापना करके मां दुर्गा का आव्हान किया जाता है. प्रथम दिन मां के आगमन के साथ ही नवरात्रि शुरू हो जाते हैं. 9 दिनों तक मां के अलग अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है.
नवरात्रि के पर्व में रंगों का विशेष महत्च है. मां दुर्गा को लाल रंग बहुत प्रिय है. इसलिए नवरात्रि में इस रंग का सबसे अधिक प्रयोग किया जाता है. मां की लाल चुनर और मां चौकी पर भी लाल वस्त्र बिछाने की मान्यता है. लाल रंग प्रगति का सूचक है. लेकिन इसके अतिरिक्त भी कई अन्य रंग भी हैं जिनका नवरात्रि में प्रयोग कर मां का आर्शीवाद प्राप्त कर सकते हैं. नवरात्रि में मां की पूजा में प्रयोग किए जाने वाले रंग आपके लिए लकी कलर भी सातिब हो सकते हैं.
प्रथम दिन- ग्रे कलर
पंचांग के अनुसार आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवरात्रि का शुभारंभ हो रहा है. इस दिन शनिवार है. शनि देव को काला रंग प्रिय है. इसलिए इस दिन का लकी कलर काला है. पूजा पाठ में इस रंग का प्रयोग शुभ नहीं माना गया है, इसलिए प्रथम दिन ग्रे कलर के कपड़े पहनकर पूजा कर सकते हैं.
दूसरा दिन- सफेद रंग
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा जाएगी. मान्यता है कि मां ब्रह्मचारिणी को सफेद रंग अधिक प्रिय है. सफेद रंग शांति का प्रतीक माना जाता है. मां ब्रह्मचारिणी भी शांति और स्वच्छता की प्रतीक हैं. इसलिए इस दिन सफेद रंग के वस्त्र पहनकर मां की पूजा अर्चना करनी चाहिए.
तीसरा दिन- लाल रंग
नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. मां चंद्रघंटा को लाल रंग प्रिय है. इस दिन की पूजा लाल रंग के वस्त्र पहन कर करें. मां का आर्शीवाद प्राप्त होगा. इस दिन कुंवारी कन्याओं को लाल रंग की वस्तुओं को उपहार में देना शुभ माना गया है.
चौथा दिन- रॉयल ब्लू
नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है. माता कूष्मांडा ने इस सृष्टि की रचना में विशेष योगदान दिया है. इनकी पूजा शक्ति की देवी के रूप में भी की जाती है. इस दिन रॉयल ब्लू का प्रयोग कर सकते हैं. रॉयल ब्लू को सुख समृद्धि से जोड़कर देखा जाता है. इसलिए इस दिन इस कलर के वस्त्र पहन कर मां की पूजा कर सकते हैं.
पांचवां दिन- पीला और हरा रंग
नवरात्रि के पांचवे दिन माता स्कंदमाता की पूजा का विधान है. स्कंदमाता स्नेह और वात्सल्य प्रदान करने वाली देवी हैं. ये भगवान कार्तिकेय की मां भी हैं.नवरात्रि के पांचवे दिन पीला और हरे रंग के वस्त्र धारण कर पूजा करनी चाहिए. ये रंग मां को प्रिय है.
छठा दिन- नीला रंग
नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. देवी कात्यायनी ने ही महिषासुर का वध किया था. माता कात्यायनी को लाल रंग अधिक प्रिय है. लेकिन पूजा के दौरान नीले रंग के वस्त्र पहना अधिक शुभ माना गया है. इसके पीछे मान्यता है कि नीला रंग ध्यान को केंद्रित करने में मदद करता है. मां कात्यायनी सभी मनोकामनाएं को पूर्ण करती हैं.
सातवां दिन- काला रंग
नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है. जो लोग तंत्र मंत्र में विश्वास करते हैं वे लोग मां कालरात्रि की पूजा को बहुत ही विशेष मानते हैं. मां कालरात्रि को काजल रंग प्रिय है. इसलिए इस दिन काले रंग के वस्त्र पहनकर मां की पूजा कर सकते हैं.
आठवां दिन- संतरी रंग
नवरात्रि का सातवा दिन मां गौरी को समर्पित है. इस दिन मां गौरी की पूजा की जाती है. गौरी माता को लाल रंग प्रिय है. इसलिए इस दिन लाल रंग के साथ संतरी रंग का भी प्रयोग कर सकते हैं.
नौवां दिन- लाल रंग
नवरात्रि के अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है. इस दिन की पूजा में फिरोजी, लाल या केसरिया रंग का प्रयोग करना चाहिए. इस दिन इनमें से किसी भी रंग के वस्त्र धारण पूजा करने से मां का आर्शीवाद प्राप्त कर सकते हैं.