आजकल लोग कैश की बजाए क्रेडिट कार्ड साथ रखना ज्यादा पसंद करते हैं. शहरी क्षेत्रों में तो लोग क्रेडिट कार्ड स्वाइप कर शापिंग करना काफी आसान मानते हैं. इस कार्ड के जरिए कोई भी ऑनलाइन या ऑफलाइन शापिंग आसानी से कर सकता है. आज का युग डिजिटल लेनदेन का बन चुका है ऐसे में क्रेडिट कार्ड ही लेनदेन का सबसे लोकप्रिय जरीया बन चुका है. इससे सबसे बड़ी सुविधा यह है कि इसके इस्तेमाल से बेहद कम समय में और आसानी से भुगतान किया जा सकता है. इसके साथ ही एक और खास सुविधा यह है कि क्रेडिट कार्ड के बिल के भुगतान के लिए कस्टमर को 50 दिन का समय मिलता है. इस निश्चित समय के भीतर ग्राहक पैसों का भुगतान कर सकता है. कार्ड की यह सीमा भी कस्टमर के क्रेडिट स्कोर और मंथली इन्कम पर डिपेंड करती है.
कस्टमर को अपना एक अच्छा CIBIL स्कोर बनाए रखना जरूरी है इसके लिए उन्हे वक्त पर पूरा भुगतान करना चाहिए. जितना जल्द क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान किया जाता है उतनी ही फायदे में ग्राहक रहता है. भुगतान के लिए सबसे तेज तरीका है कि महीने के अंत में पूरा बिल पे कर देना चाहिए. अगर क्रेडिट कार्ड धारक ऐसी खरीदारी कर रहा है जो एक महीने में बंद हो सकती है तो खरीदारी करने से पूर्व एक रीपेमेंट स्ट्रैटजी की प्लानिंग करना हमेशा सही रहती है.
दरअसल ऐसा करने से दो फायदे हो सकते हैं. पहला यह है कि कार्ड धारक अपने खर्ज की प्लानिंग करते हैं, इसीलिए खरीद को प्राथमिकता देते हैं. यह दिखाता है कि कार्ड धारक खर्चों के साथ ओवरबोर्ड न जा सके. दूसरा फायदा यह है कि उन्हे यह तय कहना है कि कैश में क्या खरीदना है और क्रेडिट कार्ड से क्या लेना है. इसके साथ ही यह भी ध्यान देना है कि व्यापारी ईएमआई का इस्तेमाल करके क्या खरीदना है. ग्राहक की सबसे अच्छी रीपेमेंट रणनीति यह हो सकती है कि वह न्यूनतम ब्याज का भुगतान आसान से कर सके.
विशेषज्ञ एक देय तिथि से एक हफ्ते पूर्व क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान करने की सलाह देते हैं, ऐसा करने से भुगतान के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है. क्रेडिट कार्ड से भुगतान कुछ मिनटों में हो सकता है. वहीं UPI, ATM पेमेंट से इसमे 3 से 4 वर्किंग डेज तक का समय लग सकता है.