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कब है रमा एकादशी : जानें व्रत की तिथि, ऐसे करें व्रत पालन , सब मनोकामनाएं होंगी पूरी

हिंदू पंचांग में कुल 24 एकादशी मानी गई हैं। इन सभी को अलग-अलग नाम दिए गए हैं। कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को रमा एकादशी कहा जाता है। शास्त्रों में इसका विशेष महात्म्य बताया गया है। रमा एकादशी के व्रत से ब्रह्महत्या जैसे पाप भी नष्ट हो जाते हैं और बैकुंठ में स्थान प्राप्त होता है।

कब है रमा एकादशी व्रत
पंचांग के अनुसार इस बार एकादशी तिथि का आरंभ 8 नवंबर 2023 को सुबह 8 बजे होगा तथा इसका समापन अगले दिन 9 नवंबर 2023 को सुबह 10.41 बजे होगा। हिंदू धर्म में उदय तिथी की मान्यता होने के कारण रमा एकादशी का व्रत भी 9 नवंबर को रखा जाएगा। व्रत का पारण अगले दिन 10 नवंबर को सुबह 6.39 बजे से 8.50 बजे तक किया जा सकेगा।

रमा एकादशी पर ऐसे करें व्रत
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी सहित भगवान विष्णु की पूजा करें। उन्हें धूप, दीप, पुष्प, माला, भोग नैवेद्य आदि अर्पित करें। उनके व्रत का संकल्प करें। दिन में व्रत करें तथा एक समय फलाहार का सेवन करें।

रमा एकादशी पर करें ये कार्य
इस दिन यथासंभव दान-पुण्य भी करना चाहिए। यदि अधिक संभव न हो तो किसी एक भिखारी अथवा पशु को भोजन कराएं। यह भी संभव नहीं तो चींटियों के बिल पर थोड़ा चीनी मिला आटा डालें। पक्षियों को दाने चुगने के लिए दें। कोई रोगी हो तो उसे दवाई आदि दान करें। इसके साथ ही अपने गुरु द्वारा दिए गए मंत्र या अपनी आस्था अनुरूप भगवान विष्णु के किसी भी मंत्र का कम से कम 108 बार जप करें।

रमा एकादशी से पूर्ण होती हैं सभी मनोकामनाएं
शास्त्रों में कहा गया है कि रमा एकादशी के व्रत से भक्तों के ब्रह्महत्या जैसे पाप भी नष्ट हो जाते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। वे इस जीवन में संसार के समस्त सुख भोगने के बाद अंत में मृत्यु पश्चात बैकुंठ धाम जाते हैं।

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