पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बड़ा फैसला दिया है. कोर्ट ने नलिनी श्रीहरन समेत 6 दोषियों को रिहा करने के आदेश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा है कि लंबे समय से राज्यपाल ने कदम नहीं उठाया तो हम उठा रहे हैं। इस मामले में दोषी करार दिए गए पेरारीवलन की रिहाई का आदेश बाकी दोषियों पर भी लागू होगा।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से कांग्रेस पार्टी असहमत है। पार्टी ने जहां सरकार से पूछा है कि क्या वह सुप्रीम कोर्ट के रिहाई के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करेगी? वहीं, वरिष्ठ वकील व कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सोनिया व प्रियंका गांधी ने भले ही दोषियों को माफ कर दिया हो, लेकिन पार्टी इस फैसले से संतुष्ट नहीं है। मामले में कांग्रेस की राय द्रमुक से अलग रही है।
सिंघवी का कहना है – रिहाई का एकतरफा पूर्ण अधिकार नहीं
सिंघवी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के रिहाई के फैसले ने देश की आत्म को झकझोर दिया है। उन्होंने उस उक्ति को दोहराया कि ‘न्याय न सिर्फ होना चाहिए, बल्कि वह होते हुए दिखना भी चाहिए।’ रिहाई का एकतरफा पूर्ण अधिकार नहीं है। हर मामला परिस्थितियों पर निर्भर करता है।
सिंघवी ने कहा कि रिहाई के खिलाफ जो भी कानूनी कार्रवाई संभव होगी, हम वह करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई को लेकर कांग्रेस की राय तमिलनाडु में सत्तारूढ़ पार्टी की सहयोगी पार्टी द्रमुक की राय से हमेशा भिन्न रही है।
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