सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) और चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) भारतीय ज्योतिष शास्त्र के हिसाब से ग्रहण महत्वपूर्ण घटनाक्रम है. यह अशुभ फलदायी होता है और अलग-अलग राशियों पर और सभी मनुष्यों पर असर पड़ता है. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार 12 राशियों पर ग्रहण का कम या ज्यादा दुष्प्रभाव पड़ सकता है. आमतौर पर ग्रहण अशुभ फलदायी ही माना गया है. अलग-अलग क्षेत्र के हिसाब से कहीं ग्रहण दिखाई देता है और कहीं नहीं नजर आता है.
इस दिन होगा सूर्य ग्रहण
इस बाद का दूसरा और साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 04 दिसंबर को होगा. यह ग्रहण कार्तिक कृष्ण अमावस्या पर पड़ रहा है. इस बार दो बड़े ग्रह भी अस्त होंगे. इसमें बुध-चंद्रमा शामिल हैं. राहू-केतू भी वक्री होंगे. ये परिवर्तन सभी राशियों पर असर डालेगा. मगर भारत में ग्रहण की सिर्फ उपछाया होने के चलते सूतक मान्य नहीं होगा. मगर पूजापाठ समेत कई पाबंदियां रहेंगी. धार्मिक मान्यता अनुसार ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ कार्य और पूजा की मनाही है. जहां ग्रहण का प्रभाव होता है वहां मंदिर भी बंद कर दिए जाते हैं. ग्रहण खत्म होने पर विधिपूर्वक शुद्धिकरण के बाद ही कपाट खोले जाते हैं. इस दौरान घरों में भी पूजा नहीं की जाती है.
ग्रहण के बाद ये करें
1. सूर्य ग्रहण खत्म होने पर शुद्ध जल से स्नान करके ही कोई काम करें.
2. ग्रहण के काल में ईष्ट देवता का ध्यान और मंत्र का जप जरूरी है.
3. सूर्य ग्रहण के बाद धातु का दान खासतौर पर पीतल दान पुण्य देता है.
4. ग्रहण से पहले बने भोजन, रखे पानी को हटाएं ताजा भोजन ही खाएं.
5. ग्रहण के बाद गाय को घास, पक्षियों को दाना, गरीबों को वस्त्र दान करें.
ग्रहण के वक्त ये न करें
1. फूल और पत्ती तोड़ना वर्जित है. गर्भवती महिलाओं को बाहर नहीं आना चाहिए.
2. ग्रहण के समय सोना नहीं चाहिए, इससे सोने वाला व्यक्ति रोगी हो जाता है.
3. ग्रहण की पूरी समयावधि के दौरान भोजन बनाना या खाना भी वर्जित है.
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