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अगर ये हुआ तो फिर घट सकती है पेट्रोल और डीजल की कीमतें

हर रोज पूरे देश की नजर पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर जरूर होती है. हालांकि, केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क घटाने के बाद पिछले 26 दिनों से कीमतें स्थिर हैं लेकिन इसके बावजूद भी कीमतें काफी ज्यादा हैं. लोग इनसे परेशान हैं और चाहते हैं कि किसी तरह से बढ़े हुए पेट्रोल-डीजल के दामों से छुटकारा मिले क्योंकि, भारत में पहली बार पेट्रोल और डीजल की इतना ज्यादा कीमतें हैं.

क्या हो जिससे पेट्रोल और डीजल के दाम घटे?

ऐसे में एक अच्छी खबर यह है कि अगर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट आती रही तो आने वाले दिनों में देश के भीतर पेट्रोल और डीजल के दाम घट सकते हैं. नवंबर के दौरान वैश्विक बेंचमार्क ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतें लगभग 80-82 डॉलर प्रति बैरल के दायरे में रहीं. हालांकि, बीते शुक्रवार को कच्चे तेल की कीमतों में करीब 4 डॉलर प्रति बैरल की गिरावट आई.

कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट जारी रही तो…

ऐसे में अगर वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में यह गिरावट जारी रहती है तो भारतीय बाजार में भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में और गिरावट देखने को मिल सकती है. जिससे घरेलू उपभोक्ताओं को और राहत मिलेगी. लोग इसी का इंजतार भी कर रहे हैं. तेल की बढ़ी हुई कीमतों के कारण ही फिलहाल लोग इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर देख रहे हैं.

क्यों गिरी कच्चे तेल की कीमत?

वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में आई नई गिरावट को दक्षिणी अफ्रीका में मिले नए कोविड-19 वेरिएंट के कारण दुनिया भर में बने चिंता के माहौल की प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है. यह आर्थिक विकास को कम कर सकता है और दुनिया भर में कच्चे तेल की मांग को घटा सकता है, जिसके परिणामस्वरूप कच्चे तेल की कीमतों में और गिरावट आ सकती है.

पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में 5 नवंबर से कोई बदलाव नहीं किया गया है. यह अपरिवर्तित बनी हुई हैं. पेट्रोल और डीजल की स्थिर कीमतें उत्पाद शुल्क में क्रमशः 5 रुपये प्रति लीटर और 10 रुपये प्रति लीटर की कमी के बाद आईं. इसके बाद कई राज्यों ने इन पर लगने वाले VAT को भी घटाया था, जिससे लोगों को डबल राहत मिली थी.

 

 

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