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पांचवीं पास मजदूर ने छह बार के विधायक और कद्दावर मंत्री को दी शिकस्त

रायपुर। छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में भी कई उलटफेर देखने को मिले, जिसमें वरिष्ठ नेता रवींद्र चौबे की हार भी शामिल है। बेमेतरा जिले की साजा सीट से कांग्रेस के मंत्री रविंद्र चौबे को भाजपा की तरफ से उतरे ईश्वर साहू ने हराकर सबको चौंका दिया। छह बार के विधायक रहे रवींद्र को 5,196 वोटों के अंतर से हार झेलनी पड़ी।

ईश्वर साहू ने अपने चुनावी हलफनामे में बताया था कि वह पांचवीं पास हैं और मजदूरी का काम करते हैं और पत्नी गृहिणी हैं। उनके बेटे भुवनेश्वर साहू की बिरनपुर गांव में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के दौरान मौत हो गई थी। चुनाव में भाजपा ने ईश्वर को टिकट थमा दिया और वोट के बदले अपने बेटे के लिए इंसाफ देने की बात कहने वाले भाजपा प्रत्याशी चुनाव जीत गए।

रवींद्र चौबे कांग्रेस के पुराने और कद्दावर नेता हैं। 1985 में अविभाजित मध्य प्रदेश में चौबे पहली बार विधायक बने और ये सिलसिला 1990, 1993 और 1998 के विधानसभा चुनावों में भी जारी रहा। वहीं छत्तीसगढ़ बनने के बाद चौबे 2003 और 2008 के राज्य विधानसभा के चुनावों में भी जीते। अविभाजित मध्यप्रदेश और फिर छत्तीसगढ़ में कई विभागों के मंत्री और नेता प्रतिपक्ष रह चुके चौबे 28 सालों तक विधायक रहे। 2013 के चुनावों में पहली बार कांग्रेस नेता के हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन अगले ही चुनाव में 2018 में उन्होंने फिर से जीत हासिल की थी।

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