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सर्वाधिक पैरादान करने वाले कृषक, गोठान समिति को किया जाएगा पुरस्कृत

० कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने विभागीय अधिकारियों को 10 से 15 दिसम्बर तक गोठानों में पैरादान महोत्सव मनाने के दिए निर्देश

जांजगीर-चांपा। कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने 10 से 15 दिसम्बर तक पैरादान महोत्सव के रूप में मनाने के निर्देश उपसंचालक कृषि, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी सहित विभागीय अधिकारी, कर्मचारियों को दिए हैं। इस दौरान सर्वाधिक पैरादान करने वाले कृषक एवं सर्वाधिक पैरा एकत्रित करने वाली गोठान प्रबंधन समिति को विकासखण्ड स्तर पर पुरस्कृत करने कहा है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से पैरादान महोत्सव का हिस्सा बनने और किसानों को प्रेरित करने की अपील की है।
कलेक्टर श्री सिन्हा ने कहा कि सुराजी गांव योजना के अंतर्गत निर्मित गोठानों में गोधन न्याय योजना के माध्यम से पशुओं के लिए सालभर चारा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पैरादान महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। पैरादान करने से कई फायदे हैं जैसे फसल की कटाई के बाद पैरा खेत में फैला रहता है, जिसे किसान आमतौर पर समेटते नहीं और खेत में जला देते हैं। इससे पर्यावरण प्रदूषित होता है और पशुओं के लिए चारा भी उपलब्ध नहीं हो पता है। इसलिए जरूरी है कि इस पैरा को पशुओं के लिए सुरक्षित गोठानों में पहुंचाया जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि 10 से 15 तक पैरादान महोत्सव की ग्रामीणों को जानकारी देने के लिए मुनादी कराई जाए।

जनप्रतिनिधियों से लिया जाए सहयोग
गोठान प्रबंधन समिति, ग्राम पंचायत सरपंच के साथ ही जनप्रतिनिधियों का सहयोग लेकर गोठानों में गांव के किसानों को पैरादान करने के लिए प्रोत्साहित करें। इसके अलावा समिति द्वारा किसानों से फसलों की कटाई के बाद पैरादान कराये जाने के लिए सूची बनाकर सतत रूप से संवाद करें। गोठान समिति, सचिव एवं ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, राजीव युवा मितान क्लब के सदस्य किसानों को पैरा देने के लिए सतत रूप से घर-घर जाकर प्रोत्साहित करें।

अस्थायी मचान बनाकर रखें सुरक्षित
खेत में फैले हुए पैरा को स्ट्रा बेलर यंत्र का उपयोग कर आसानी से बंडल के रूप में एकत्र करने कहा है। इसके अलावा कल्टीवेटर के पीछे तार जाली लगाकर या देशी यंत्र कोपर द्वारा खेत में पैरा को एकत्र कर सकते हैं। बारिश से बचाने के लिए ढककर रखने या साइलेज बनाकर रखने, पैरा कुट्टी बनाकर रखने, या यूरिया से उपचाररित कर शेड में सुरक्षित रखने कहा है। समिति द्वारा दान में प्राप्त पैरा को अस्थायी मचान बनाकर सुव्यवस्थित तरीके से एकत्रित एवं संरक्षित रखने कहा है। उन्होंने दूसरी फसल लेने वाले किसानों से भी पैरादान के लिए प्रोत्साहित करने कहा है।

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