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केन्द्र सरकार छत्तीसगढ़ के साथ लगातार सौतेला व्यवहार कर रही- कांग्रेस

 

० केन्द्र ने हजारों करोड़ रूपये छत्तीसगढ़ का रोक रखा है

० आयुष्मान योजना का पैसा रोककर मोदी सरकार कर रही छत्तीसगढ़ के मरीजों के साथ अन्याय

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ में चल रही विभिन्न सरकारी योजनाओं में मोदी सरकार के अंश के भुगतान में लगातार अडंगेबाजी कर रही है। पहले जीएसटी क्षतिपूर्ति, कोल रायल्टी की क्षतिपूर्ति, प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति को रद्द किया, मनरेगा में भी केंद्रांश का भुगतान नहीं किया जा रहा, कर्मचारियों के एनपीएस की की 17000 करोड़ की राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि स्वास्थ्य योजनाओं विशेषकर आयुष्मान योजना की राशि के भुगतान में सौतेला व्यवहार अपनाया जा रहा है। मोदी सरकार की इस संवेदनहीन हरकत की वजह से छत्तीसगढ़ के मरीजों के इलाज में परेशानियां आ रही है। स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत अंशदान राज्य शासन का और केंद्र दोनो से आता है। राज्यांश का 220 करोड़ रुपए केंद्र को भेजा जा चुका है लेकिन केंद्रांश की राशि नहीं आने के कारण भुगतान नहीं हो पा रहा है। जन हितैषी होने का पाखंड करने वाले छत्तीसगढ़ भाजपा के नेता मूकबधिर बने हुए हैं क्योंकि वो जनता को होने वाली परेशानियों को राजनीति का स्वर्णिम अवसर समझते हैं। जब-जब केंद्र की मोदी सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के हक और अधिकार के खिलाफ षड्यंत्र किया जाता है, छत्तीसगढ़ भाजपा के नेता अपनी दलीय चाटुकारिता और स्वार्थ के कारण मौन धारण कर लेते हैं और जैसे ही केंद्र सरकार द्वारा पैदा किए गए अव्यवस्था के कारण कोई समस्या खड़ी होती है तो तत्काल ही मुखर हो जाते हैं।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी सरकार ने राज्य के एक वर्ष के कुल बजट का आधे से अधिक रूपया विभिन्न मदों में रोक कर रखा है। बार-बार मांगने के बाद भी केंद्र, छत्तीसगढ़ के हक का पैसा नहीं दे रहा जिससे राज्य की योजनायें विकास प्रभावित हो रहा है। राज्य की केंद्र से कुल लेनदारी-राज्य की जीएसटी क्षतिपूर्ति का पैसा 14,000 करोड़ रू. लेना। कोयले की रायल्टी का अतिरिक्त लेबी का 4140 करोड़। सेंट्रल एक्साईज के 13,000 करोड़ रू.। प्रधानमंत्री शहरी आवास का 1500 करोड़ की दो किश्ते बकाया-3000 करोड़। खाद सब्सिडी का 3631 करोड़ रू.। मनरेगा का भुगतान-9,000 करोड़। मनरेगा तकनीकी सहायता का लंबित-350 करोड़। कुल 44121 करोड़। सीआरपीएफ बटालियन खर्च के नाम पर राज्य का 11,000 करोड़ रू. काट दिया। कुल-55,121 करोड़ रू. लेनदारी है। केन्द्र छत्तीसगढ़ का बकाया पूरा भुगतान कर दे तो राज्य के विकास कार्यो में ओर तेजी आ जायेगी।

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