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हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा, अर्थदंड से भी किया दंडित

0 अपर सत्र न्यायालय ने थाना पीपरछेड़ी के प्रकरण में सुनाया अपना फैसला 

0 प्रकरण में 16 साक्षियों का परीक्षण कराया गया

गरियाबंद । अपर सत्र न्यायालय ने हत्या के एक मामले में आरोपी के खिलाफ दोषसिद्ध होने पर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश तजेश्वरी देवी देवांगन द्वारा 12 दिसंबर 2023 मंगलवार को हत्या के आरोपी प्रीतम ओटी पिता छेरकू राम ओटी उम्र-49, साकिन- कोचईमुडा थाना- पीपरछेड़ी जिला- गरियाबंद को धारा 302 भा०दं०संहिता में आजीवन कारावास एवं 2,000 रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। एवं धारा 201 भा०दं०संहिता में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2,000 रुपये का अर्थदण्ड कुल 4,000 रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। प्रत्येक व्यतिकम में 1-1 वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा सुनाई थाना पीपरछेड़ी के अपराध क्रमांक 13/ 2019 अन्तर्गत धारा 302, 201, भा०दं० संहिता के अपराध में सजा सुनाई गई है।

जनक राम साहू, अतिरिक्त लोक अभियोजक ने जानकारी देते हुए बताया है कि प्रार्थी सुरेश कुमार सोरी पिता हीरा लाल सोरी निवासी ग्राम कोचईमुड़ा थाना पीपरछेड़ी में उपस्थित होकर रिपोर्ट लिखाया था कि दिनांक 17.09.2019 को ग्राम कोपेकसा से रात्रि लगभग 01 बजे घर वापस आया तो देखा कि उसकी पत्नी मृतिका जयंती बाई कमरे में नही थी। आसपास पता तलाश करने पर पता नहीं चला। प्रार्थी की उक्त सूचना पर थाना पीपरछेड़ी द्वारा गुम इन्सान क्रमांक 5/2019 कायम कर पता साजी के दौरान दिनांक 20.09.2019 को ग्राम कोचईमुड़ा से कुरूभाठा के जंगल के गड्ढे में मृतिका जंयती बाई के शव मिलने पर पुलिस द्वारा शव पंचनामा की कार्यवाही कर विवेचना में लिये जाकर आरोपी प्रीतम ओटी से गवाहों के समक्ष मेमोरेण्डम कथन लेखबद्ध करने पर आरोपी ने पूछताछ में बताया था कि मृतिका जयंती बाई के साथ उसका अवैध संबंध लगभग 1 वर्ष के पूर्व से था। जिसके कारण दिनांक 17.09.2019 को रात्रि लगभग 10 बजे मृतिका के घर जाकर मृतिका को बुलाया और दोनो कुरूभाठा जंगल गये जहाँ मौका पाकर अपने गमछे से मृतिका के गले में लपेटकर, खीचकर उसकी हत्या कर दिया। उक्त प्रकरण में परिस्थिति जन्य साक्ष्य के आधार पर आधारित था। पुलिस द्वारा प्रकरण की सम्पूर्ण विवेचना उपरांत न्यायालय में आरोपी के विरूद्ध अपराध अन्तर्गत धारा 302, 201 भा०दं० संहिता के तहत अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया था।

अपर सत्र न्यायाधीश तजेश्वरी देवी देवागंन के न्यायालय में प्रकरण की कार्यवाही प्रारंभ हुई। अभियोजन द्वारा कुल 16 साक्षियों का परीक्षण कराया गया। अपर सत्र न्यायाधीश तजेश्वरी देवी देवांगन द्वारा प्रकरण में आये परिस्थिति जन्य साक्ष्य के आधार पर आरोपी को दोषसिद्ध पाते हुये धारा 302 भा०दं०संहिता में आजीवन कारावास एवं 2,000 रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। एवं धारा 201 भा०दं०संहिता में 10 वर्ष का कारावास एवं 2,000 रुपये का अर्थदण्ड कुल 4,000 रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। प्रत्येक व्यतिकम में 1-1 वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है तथा न्यायालय द्वारा मृतिका जंयती बाई सोरी के परिवार को क्षतिपूर्ति राशि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर को दिलाये जाने की अनुशंसा की गई है। उपरोक्त प्रकरण की पैरवी जनक राम साहू अतिरिक्त लोक अभियोजक गरियाबंद द्वारा किया गया है।

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