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स्वास्थ्य मंत्री ने नवजातों की मृत्यु के मामले में की कड़ी कार्रवाई, सीनियर रेसीडेंट का निलंबन, अस्पताल अधीक्षक भी बदले गए

अंबिकापुर। राजमाता श्रीमती देवेन्द्रकुमारी सिंहदेव चिकित्सा महाविद्यालय, अंबिकापुर से संबद्ध अस्पताल के एसएनसीयू में विगत 5 दिसम्बर को चार नवजातों की मृत्यु के मामले पर स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने कड़ी कार्रवाई की है। राज्य शासन के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने आज उनके अनुमोदन के बाद अस्पताल में शिशु रोग विभाग के सीनियर रेसीडेंट (शिशु रोग विशेषज्ञ) डॉ. कमलेश प्रसाद विश्वकर्मा को निलंबित कर दिया है। डॉ. विश्वकर्मा घटना की रात शिशु रोग विभाग में गंभीर अवस्था में नवजातों की भर्ती के बावजूद रात्रि ड्यूटी के दौरान उपस्थित नहीं थे और न ही उन्होंने भर्ती शिशुओं के उपचार के लिए कोई ठोस पहल की। उनकी इस लापरवाही के कारण अस्पताल में भर्ती शिशुओं की मृत्यु हुई। उनका यह कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम-3 का स्पष्ट उल्लंघन है।

राज्य शासन ने डॉ. कमलेश प्रसाद विश्वकर्मा को पदीय दायित्वों एवं कर्तव्यों का तत्परतापूर्वक निर्वहन नहीं करने के कारण छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के नियम 9 (क) के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय कार्यालय, सिविल सर्जन-सह-मुख्य अस्पताल अधीक्षक, जिला चिकित्सालय सूरजपुर निर्धारित किया गया है। उन्हें निलंबन काल में मूलभूत नियम 53 के तहत नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता की पात्रता होगी।

चिकित्सा शिक्षा विभाग ने अंबिकापुर चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध अस्पताल के अधीक्षक डॉ. लखन सिंह को भी हटा दिया है। उनके स्थान पर पैथोलॉजी विभाग के संचालक-सह-प्राध्यापक डॉ. आर.सी. आर्या को नया अस्पताल अधीक्षक बनाया गया है।

 

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