स्पोर्ट्स न्यूज़। ओलंपिक ब्रॉन्ज मेडलिस्ट पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से सन्यास का ऐलान कर दिया है। साक्षी मलिक ने यह फैसला कुश्ती महासंघ के चुनाव के बाद लिया है। साक्षी ने बताया कि मैं सन्यास ले रही हूं। बता दें कि इस साल की शुरूआत में साक्षी मलिक समेत तीन पहलवानों ने कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन किया था। इसके बाद बृजभूषण शरण को अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। साक्षी मलिक, वीनेश फोगाट और बजरंग पुनिया ने बृजभूषण शरण पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे।
बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह जीते चुनाव
निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के विश्वासपात्र संजय सिंह भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के कई बार लंबित हुए चुनावों में गुरुवार को यहां अध्यक्ष पद पर आसान जीत दर्ज करने में सफल रहे। संजय के पैनल के सदस्यों ने अधिकतर पदों पर आसान जीत हासिल की। उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष संजय को 40 जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रमंडल खेलों की पूर्व स्वर्ण पदक विजेता अनिता श्योराण को सिर्फ सात मत मिले।
आरएसएस से जुड़े संजय वाराणसी के रहने वाले हैं और बृजभूषण के बहुत करीबी सहयोगी हैं। निवर्तमान प्रमुख की खेल में जबरदस्त रुचि को देखते हुए यह उम्मीद है कि संजय नीतिगत निर्णयों में उनसे सलाह लेंगे। संजय ने चुनावों में जीत दर्ज करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह देश के हजारों पहलवानों की जीत है जिन्हें पिछले सात से आठ महीनों में नुकसान उठाना पड़ा है।”
महासंघ के अंदर चल रही राजनीति के बारे में पूछे जाने उन्होंने कहा, ‘‘हम राजनीति का जवाब राजनीति और कुश्ती का जवाब कुश्ती से देंगे।” अनिता का पैनल हालांकि महासचिव पद अपने नाम करने में सफल रहा जब प्रेम चंद लोचब ने दर्शन लाल को हराया। रेलवे खेल संवर्धन बोर्ड के पूर्व सचिव लोचब ने 27-19 से जीत दर्ज की। राष्ट्रीय राजमार्ग पर ‘फूड ज्वाइंट्स की चेन’ चलाने वाले और प्रदर्शनकारी पहलवानों के करीबी माने जाने वाले देवेंद्र सिंह कादियान ने आईडी नानावटी को 32-15 से हराकर वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद पर कब्जा जमाया।
चुनावों के नतीजे शीर्ष पहलवानों बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक के लिए निराशाजनक हैं क्योंकि बृजभूषण के खिलाफ उनका विरोध-प्रदर्शन व्यर्थ हो गया। इन्होंने डब्ल्यूएफआई में बदलाव के लिए आक्रामक होकर अभियान चलाया था लेकिन उन्हें कुश्ती जगत का समर्थन नहीं मिला। भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण का एक करीबी अब अध्यक्ष है। इन शीर्ष पहलवानों ने बृजभूषण पर कथित रूप से जूनियर पहलवानों सहित महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था और समाज के विभिन्न वर्गों से भारी समर्थन जुटाने में कामयाब रहे। इनका विरोध हालांकि उस दिन विफल हो गया जब उन्होंने 28 मई को नए संसद भवन की ओर मार्च करने की योजना बनाई और दिल्ली पुलिस ने दंगा करने के लिए सभी प्रदर्शनकारियों को जंतर-मंतर से हटा दिया।