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साय मंत्रिमंडल में ओबीसी का सोशल इंजीनियरिंग

 

रवि भोई

छत्तीसगढ़ में भाजपा ने आदिवासी नेता विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री बनाकर जातीय संतुलन के लिए ओबीसी वर्ग का वजन बढ़ा दिया है। साय मंत्रिमंडल में ओबीसी वर्ग से छह मंत्री हैं। मंत्रिमंडल में एक तरह से ओबीसी का सोशल इंजीनियरिंग दिखा। ओबीसी के बड़े से छोटे वर्ग को मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व दिया है। मंत्रिमंडल में साहू, कुर्मी, कलार, रजवाड़े, देवांगन और अघरिया समाज का भी प्रतिनिधित्व है। भाजपा ने विधानसभा चुनाव टिकट बंटवारे में भी ओबीसी के सभी वर्गों में संतुलन साधने की कोशिश की थी, जिसका उसे लाभ मिला। पार्टी ने विधानसभा में नाई, कलार, धीवर, यादव समाज के लोगों को टिकट देकर ओबीसी वर्ग में सोशल इंजीनियरिंग का खेल खेला था।

साय मंत्रिमंडल में साहू समाज से उपमुख्यमंत्री अरुण साव हैं, तो कुर्मी समाज से टंकराम वर्मा को मंत्री बनाया गया है। टंकराम वर्मा शिक्षक होने के साथ समाजसेवी भी हैं और वे रमेश बैस और केदार कश्यप के पीए भी रह चुके हैं। भूपेश बघेल राज में कांग्रेस ने खूब ओबीसी का कॉर्ड खेला। उसके तोड़ के लिए भाजपा ने ओबीसी वर्ग में सोशल इंजीनियरिंग का फार्मूला चला है। अघरिया समाज से पूर्व आईएएस ओपी चौधरी को मंत्री बनाया गया है। श्याम बिहारी जायसवाल कलार समाज के प्रतिनिधि हैं। भैयालाल राजवाड़े का पत्ता काटकर भाजपा ने लक्ष्मी राजवाड़े को मंत्री बनाया है। लक्ष्मी रजवाड़े नए चेहरे के साथ महिला भी हैं। भाजपा ने पहली बार कोष्टा ( देवांगन ) समाज से लखनलाल देवांगन को मंत्री बनाया है। लखनलाल पहले कोरबा के महापौर रह चुके हैं और उन्होंने भूपेश सरकार के कद्दावर मंत्री जयसिंह अग्रवाल को पराजित करने में सफलता पाई है।

सामान्य वर्ग से बृजमोहन अग्रवाल और विजय शर्मा मंत्री बनाए गए हैं। हिंदुत्ववादी छवि के साथ छत्तीसगढ़िया ब्राम्हण होने के कारण विजय शर्मा को उपमुख्यमंत्री का पद मिला।आठ बार के विधायक बृजमोहन अग्रवाल छत्तीसगढ़ में चौथी बार कैबिनेट मंत्री बनने में सफल हुए हैं। बृजमोहन अग्रवाल 1990 में संयुक्त मध्यप्रदेश में पटवा मंत्रिमंडल में पहली बार मंत्री बने थे। साय मंत्रिमंडल में बृजमोहन अग्रवाल बिजनेस समुदाय से एकमात्र मंत्री होंगे। रमन मंत्रिमंडल में मंत्री रहे अमर अग्रवाल और राजेश मूणत का नंबर नहीं लग पाया। भाजपा ने दो आदिवासियों को ही मंत्री बनाया है। सरगुजा से रामविचार नेताम और बस्तर से केदार कश्यप। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को मिलाकर मंत्रिमंडल में तीन आदिवासी चेहरे होंगे। अनुसूचित जाति वर्ग से दयालदास बघेल को मंत्री बनाया गया है। दयालदास,केदार और रामविचार रमन मंत्रिमंडल में मंत्री रह चुके हैं। रमन मंत्रिमंडल में एससी वर्ग से दो मंत्री रहा करते थे, वहीं आदिवासी मंत्री चार रहते थे। इस बार एसटी-एससी की जगह ओबीसी पर फोकस किया गया है।

संभागवार और वर्गवार मंत्री मंडल के बटवारे को देखा जाए तो सरगुजा संभाग से मुख्यमंत्री के साथ 3 मंत्री बनाए गए है। रायपुर संभाग से 2 मंत्री, दुर्ग संभाग से डिप्टी सीएम के साथ एक मंत्री,बिलासपुर संभाग से डिप्टी सीएम के साथ एक मंत्री और बस्तर संभाग से केवल एक मंत्री बनाया गया है। बस्तर संभाग को बैलेंस करने के लिए वहां से विधायक किरण सिंह देव को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बनाया गया है। किरण सिंह देव सामान्य वर्ग से हैं। किरण बस्तर से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बनने वाले दूसरे नेता हैं। इसके पहले बस्तर के नेता विक्रम उसेंडी प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रह चुके हैं। भाजपा हाईकमान ने किरण को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष क्षेत्रीय और जाति संतुलन साधने की कोशिश की है। कांग्रेस ने बस्तर के नेता दीपक बैज को प्रदेश अध्यक्ष बनाए रखा है, ऐसे में भाजपा ने बस्तर के किरण संगठन की बागडोर सौंपकर बराबरी का संदेश दिया है। भाजपा ने चार महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनाव को मद्देनजर रखते हुए मंत्रिमंडल का गठन और संगठन की कमान सौंपी है। लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद नई तस्वीर सामने आ सकती है।

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