छत्तीसगढ़ में शीतलहर का कहर जारी है। प्रदेश का न्यूनतम तापमान 3.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ है। वहीं रायपुर में रात का सबसे कम तापमान 9.2 डिग्री सेल्सियस रहा। यह पिछले 10 सालों की तीसरी सबसे सर्द रात बन गई है। इससे पहले 29 दिसंबर 2014 को न्यूनतम तापमान 9.2 डिग्री पहुंचा था। वहीं 30 दिसंबर 2018 को रायपुर का न्यूनतम तापमान 8.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।
रायपुर शहर के तीन अलग-अलग हिस्सों में मौसम ऑब्जर्वेटरी है। इसमें से लालपुर स्थित मौसम विज्ञान विभाग के केंद्र से जारी आंकड़ा मुख्य है। लालपुर और माना दोनों केंद्रों में न्यूनतम तापमान 9.2 डिग्री सेल्सियस रहा है। यह सामान्य से 3.5-3.6 डिग्री सेल्सियस कम है।
वहीं इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के पास लाभांडी में रात का न्यूनतम तापमान 5.5 डिग्री सेल्सियस मापा गया है। यह एक दिन पहले के तापमान से आधा डिग्री सेल्सियस अधिक है। इस मान से रायपुर शहर सहित अधिकांश मैदानी इलाका शीतलहर की चपेट में है।
जशपुर के डुमरबहार कृषि विज्ञान केंद्र में न्यूनतम तापमान 3.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ है। यह छत्तीसगढ़ में सोमवार रात का सबसे कम तापमान है। सरगुजा के मैनपाट, बैकुंठपुर, बलरामपुर, सूरजपुर, कबीरधाम के चिल्फी घाटी क्षेत्र और बिलासपुर के पेण्ड्रा रोड, मुगेली जैसे क्षेत्रों में शतलहर का असर जनजीवन और फसलों पर भी दिखने लगा है।
बिलासपुर में बीती रात एक अज्ञात व्यक्ति की मौत हो गई। वह सड़क पर ठिठुर रहा था। आसपास के लोगों ने उसे अस्पताल पहुंचाया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। प्रशासन ने ठंड से मौत की पुष्टि नहीं की है, लेकिन डॉक्टरों ने आशंका जताई है कि ठंड से ही मौत हुई होगी।
मौसम विभाग ने कोल्ड डे की चेतावनी जारी की
मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा ने प्रशासन के लिए शीत दिवस (Cold Day) की चेतावनी जारी की है। इसके मुताबिक अलगे 24 घंटों में सरगुजा और बिलासपुर के सभी जिलों के कुछ पॉकेट्स में शीतलहर और शीत दिवस रहने का अनुमान है।
दुर्ग, रायपुर और बस्तर संभाग में शीतलहर चलेगी। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से कम हो और अधिकतम तापमान सामान्य से 4.5 डिग्री सेल्सियस कम हो जाए तो कोल्ड डे होता है। अगले कुछ दिनों तक मौसम के ऐसे ही सर्द रहने का अनुमान है।
मुख्यमंत्री ने अलाव जलाने के निर्देश दिए
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शीतलहर के खतरे को देखते हुए प्रशासन को बचाव के निर्देश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टरों को निर्देशित किया है कि अपने-अपने क्षेत्रों में अलाव जलाने और जरूरतमंदों को कंबल इत्यादि की व्यवस्था सुनिश्चित करें। नागरिकों को ठंड के कारण किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। इस बीच रायपुर जिला प्रशासन और नगर निगम ने सोमवार रात ही कई स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की है।
शीतलहर के प्रकोप से बचाव जरूरी
मौसम विज्ञानियों और डॉक्टरों का कहना है कि शीतलहर की वजह से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं खड़ी हो सकती हैं। ऐसे में इससे बचाव में ही समझदारी है। जहां तक हो सके घर में रहें। खुद को गर्म रखने की कोशिश करें। गर्म और कई परत वाले कपड़ों का प्रयोग करें। गैर जरूरी यात्राओं और भीगने आदि से बचें। बाहर निकलना पड़े तो गर्म कपड़े, मफलर, टोपी आदि का प्रयोग करें। स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
पाले के प्रभाव से फसलों को भी बचाना है
जब भी पाले की सम्भावना हो या मौसम विभाग से पाले की चेतावनी दी गई हो तो फसल में हल्की सिंचाई कर दें। इससे तापमान 0 डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं गिरेगा और फसलों को पाले से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है।
नर्सरी में पौधों को रात में प्लास्टिक की चादर और पैरे से ढक दें। ऐसा करने से प्लास्टिक के अन्दर का तापमान 2.3 डिग्री सेल्सियस बढ़ जाता है। जिससे सतह का तापमान जमाव बिंदु तक नहीं पहुंच पाता और पौधे पाले से बच जाते हैं।
अपनी फसल को पाले से बचाने के लिए आप अपने खेत में धुंआ कर दें। इससे तापमान जमाव बिंदु तक नहीं गिर पाता और पाले से होने वाली हानि से बचा जा सकता है।जिस दिन पाला पड़ने की संभावना हो उन दिनों फसलों पर गंधक के तेजाब के 0.1% घोल का छिड़काव करना चाहिए। इसके लिए इसे एक हजार पानी में घोलकर एक हेक्टेयर क्षेत्र में प्लास्टिक के स्प्रेयर से छिड़काव करें।
सल्फर 90% WDG पाउडर को 3 किलोग्राम 1 एकड़ में छिड़काव करने के बाद सिंचाई करें।
सल्फर 80% WDG पाउडर को 40 ग्राम प्रति पंप; 15 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें।
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