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वीर साहिबजादों के बलिदान को व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखें – लाहौटी

० मानवता की रक्षा के लिए लड़ना ही सच्ची वीरता – कुलपति
० पत्रकारिता विश्वविद्यालय में मना वीर बाल दिवस
रायपुर. कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में संपूर्ण मानवता के गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी के वीर साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी की शहादत को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए वीर बाल दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. बल्देव भाई शर्मा ने की। मुख्य अतिथि पत्रिका समाचार पत्र के स्टेट एडीटर  राजेश लाहौटी थे।
मुख्य अतिथि श्री राजेश लाहौटी ने कहा कि बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी के बलिदान को व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखें। उन्होंने विद्यार्थियों को अपने आसपास के उदाहरणों से प्रेरणा लेने के लिए प्रोत्साहित किया।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो. बल्देव भाई शर्मा ने जीवन में मूल्यों को संजोए रखने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी के दोनों छोटे साहिबजादों ने देश,धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए बलिदान दिया। इन वीर बालकों को दीवार में चुनवा दिया गया पर इन्होंने धर्म नहीं छोड़ा। उन्होंने कहा कि वीर वो है जो अपने धर्म, संस्कृति और मानवता के लिए लड़ता है। हम दूसरों के लिए और लोक कल्याण के लिए लड़ना सीखें, यही वीरभाव है। दुनिया को बचाना है तो मानवता को बचाना होगा। इसलिए अच्छे कर्मों से हमें पीछे नहीं हटना चाहिए। उन्होंने कहा कि जीवन के मूल्य जिसके पास हैं वही संतोष की बात है। ये मूल्य हमें महापुरुषों के स्मरण से मिलते हैं, जिन्होंने इन मूल्यों का निर्माण किया है।
प्रो. बल्देव भाई शर्मा ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी की तीन पीढ़ियों ने शहादत दी। गुरु तेग बहादुर को हिंद की चादर कहा जाता है। फिर गुरु गोविंद सिंह और उनके चारों बेटों ने शहादत दी। गुरु महाराज केवल सिख धर्म के ही नहीं पूरी मानवता के गुरु हैं।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री लाहौटी और अध्यक्ष कुलपति प्रो. बल्देव भाई शर्मा के साथ पत्रिका समाचारपत्र के स्थानीय संपादक  शिव शर्मा, कुलसचिव डा.चन्द्रशेखर ओझा, प्राध्यापक  पंकज नयन पाण्डेय,  शैलेन्द्र खण्डेलवाल, डा. नरेन्द्र त्रिपाठी, डा. राजेन्द्र मोहंती सहित शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी और विद्यार्थियों ने वीर साहिबजादों को पुष्पांजलि अर्पित की। कार्यक्रम का संचालन डा. नृपेन्द्र कुमार शर्मा ने किया।
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