नई दिल्ली : प्याज की कीमतों में गिरावट आने के बाद सरकार ने सोमवार को प्याज की सभी किस्मों के एक्सपोर्ट पर लगाई गई रोक को अगले साल एक जनवरी से हटाने का फैसला किया है. सरकार ने इस साल सितंबर में कीमतों में तेजी आने और घरेलू बाजार में उपलब्धता बढ़ाने के लिए प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी थी.
विदेश व्यापार महानिदेशालय ने एक नोटिफिकेशन में कहा कि ‘‘प्याज की सभी किस्मों का निर्यात एक जनवरी 2021 से मुक्त रूप से किया जा सकता है.’’ विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) वाणिज्य मंत्रालय की यूनिट है जो कि निर्यात और आयात-संबंधी मुद्दों को देखती है.
राष्ट्रीय राजधानी में प्याज का खुदरा मूल्य 35-40 रुपये प्रति किलोग्राम के दायरे में है. भारत में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और कर्नाटक तीन सबसे बड़े प्याज उगाने वाले राज्य हैं. भारत सबसे बड़े प्याज निर्यातकों में से एक है. भारत से नेपाल और बांग्लादेश सहित कई देशों को प्याज का निर्यात किया जाता है.
गौरतलब है कि सरकार की तरफ से 14 सितंबर 2020 को प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी गई थी. इससे पहले केंद्र सरकार ने सितंबर 2019 में भी प्याज के निर्यात पर रोक लगाई थी. उस समय मांग और आपूर्ति में बहुत ज्यादा अंतर आ जाने की वजह से प्याज की कीमतें आसमान छूने लगी थीं. महाराष्ट्र जैसे प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों में बारिश और बाढ़ के चलते प्याज की फसल को भारी नुकसान पहुंचा था. सरकार ने यह फैसला देश में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने और घरेलू बाजार में लगातार बढ़ती कीमत को नियंत्रित करने के लिए लिया था.
इसके साथ ही प्याज की दो किस्मों ‘बेंगलोर रोज’ और ‘कृष्णपुरम प्याज’ के निर्यात पर लगा बैन भी एक जनवरी से हट जाएगा. नौ अक्तूबर 2020 को जारी एक नोटिफिकेशन में सरकार ने प्याज की इन दो किस्मों के निर्यात पर रोक लगा दी थी.