चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में देश की कॉरपोरेट कंपनियों का प्रदर्शन बेहतर दिख रहा है. अच्छी बात यह है कुछ कंपनियों को छोड़ दिया जाए तो बाकी अधिकतर कंपनियों ने अपना बढ़िया रेवेन्यू बरकरार रखा है. प्राइसिंग और वॉल्यूम दोनों मोर्चे पर इनका प्रदर्शन बढ़ा है. यहां तक कि कैपिटल गुड्स कंपनियों का भी प्रदर्शन अच्छा रहा है. पहले लग रहा था कि कैपिटल गुड्स कंपनियों को प्रदर्शन उतना बढ़िया नहीं रहेगा लेकिन इन कंपनियों ने अच्छा प्रदर्शन किया.
कंपनियों की ओर से लगातार लागत में कटौती के बाद उनका मार्जिन पिछले साल की तुलना में चार फीसदी बढ़त दर्ज की गई है. सेल्स में भले ही इतनी बढ़त नहीं हुई लेकिन मार्जिन में यह बढ़त काफी असरदार रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक कमोडिटी के दाम में भले ही इजाफा हुआ है लेकिन रॉ मैटेरेयिल के बिल में 430 बेसिस प्वाइंट की कमी आई है. कमोडिटी प्रोड्यूसर कंपनियों ने काफी अच्छा मार्जिन कमाया है इसलिए उनका मुनाफा अच्छा-खासा बढ़ा है. सप्लाई चेन बहाली से इन कंपनियों को काफी फायदा हुआ है. अब ज्यादा आउटलेट रिटेल खुल रहे हैं, जिससे उनकी बिक्री बढ़ी है.
सबसे अच्छा प्रदर्शन आईटी कंपनियों का कहना है. अगले सीज में इन कंपनियों का प्रदर्शन अच्छा रहने की उम्मीद है. कोरोना संक्रमण के दौरान वर्क फ्रॉम होम और कंपनियों के डिजिटलाइजेशन की तेज गति ने आईटी कंपनियों का मार्केट काफी बढ़ा दिया है.तीसरी तिमाही में आईटी कंपनियों को काफी अच्छे सौदे मिले हैं. इसमें डिजिटल डील, वेंडर कंसोलिडेशन डील, कोर ट्रांसफॉर्मेशन डील और इंटिग्रेटेड मेगा डील शामिल हैं. इन कंपनियों की पाइपलाइन में कई और डील हैं. आईटी कंपनियों का आर्डरबुक मजबूत हुआ है. आगे इसका भी फायदा आईटी कंपनियों को होगा.