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होलाष्टक शुरू हो चुके हैं, इन कार्यों को भूलकर भी न करें, जानें नियम

होलाष्टक आरंभ हो चुका है. वर्तमान समय में खरमास भी चल रहे हैं. खरमास में जहां मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं, मांगलिक कार्यों से अर्थ शादी विवाह जैसे कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाते हैं. खरमास में इन कार्यों को वर्जित माना गया है. वहीं होलाष्टक पर शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं.

22 मार्च से होलाष्टक शुरू हो चुके हैं. जो होलिका दहन के दिन समाप्त होेंगे. पंचांग के अनुसार 28 मार्च रविवार को फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन किया जाएगा. 29 मार्च को रंगों से होली खेली जाएगी. होलाष्टक में कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.

अनुशासित दैनिक दिनचर्या का पालन करें
मान्यता है कि खरमास और होलाष्टक में मौसम में काफी परिवर्तन होता है. इस दौरान सूर्य की गति भी प्रभावित होने लगती है, जिसका प्रभाव सेहत पर भी दिखाई देता है. वर्तमान समय में कोरोना के दूसरे चरण की लहर देखी जा रहा है. इसलिए होलाष्टक में अधिक सतर्कता और ध्यान देने की जरूरत है. मौसम में होने वाला परिवर्तन सेहत को प्रभावित न करे, इसके लिए जीवनशैली को अनुशासित बनाना चाहिए. रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करने का प्रयास करना चाहिए.

खानपान पर ध्यान देना चाहिए
होलाष्टक के दौरान खानपान पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए. संतुलित और पौष्टिक आहार लेना चाहिए. समय पर भोजन करना चाहिए और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए. मांस, मंदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए.

भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए
होलाष्टक में भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. इसके साथ ही यदि जीवन में दिक्कतें बनी हुई हैं, तो नरसिंह भगवान की पूजा और इस मंत्र का जाप करना चाहिए
ॐ उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखम्.

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