अमेरिकी बॉन्ड के यील्ड में जो कमी आई थी उसका फायदा गोल्ड को नहीं मिल पाया. डॉलर महंगा होने की वजह से इसकी मांग में कमी आई और दाम गिर गए. यूरोप में लॉकडाउन के बाद एक सुरक्षित निवेश के तौर पर देखे जाने वाले गोल्ड और सिल्वर के दाम में इजाफा देखने को मिला था लेकिन अब इसमें गिरावट दिख रही है. हालांकि घरेलू मार्केट में गोल्ड 0.05 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई और यह 44,883 रुपये पर पहुंच गया. वैसे सिल्वर में 0.15 फीसदी की हल्की गिरावट आई और यह 95 रुपये गिर कर 65,150 रुपये प्रति किलो पर आ गया.
गुरुवार को अहमदाबाद के गोल्ड मार्केट में गोल्ड स्पॉट 44679 रुपये प्रति दस ग्राम पर बिका वहीं गोल्ड फ्यूचर 44823 रुपये प्रति दस ग्राम पर बिका.
बुधवार को दिल्ली मार्केट में गोल्ड 149 गिर कर 44,350 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया वहीं सिल्वर में 866 रुपये की गिरावट आई और यह 64,607 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया. घरेलू मार्केट में गोल्ड को 44,600 पर सपोर्ट मिल रहा है वहीं 45,100 पर रेजिस्टेंस का सामना करना पड़ रहा है.
ग्लोबल मार्केट में गोल्ड में हल्का बदलाव दिखा और यह 1734.81 डॉलर प्रति औंस बिका वहीं यूएस गोल्ड फ्यूचर की कीमत रही 1732.90 प्रति औंस.
दुनिया के सबसे बड़े गोल्ड ईटीएफ एसपीडीआर गोल्ड ट्रस्ट की होल्डिंग 0.2 फीसदी गिर कर 1043.03 टन पर पहुंच गई. वहीं सिल्वर की कीमत गुरुवार को थोड़ा से ऊपर चढ़ कर 25.10 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई.
दरअसल वर्ल्ड मार्केट में अभी गोल्ड पर सबसे ज्यादा असर डालने वाला कारक है अमेरिकी बॉन्ड का यील्ड. यील्ड बढ़ने के साथ ही गोल्ड में निवेश कम हो गया था. लेकिन इसमें थोड़ी सी गिरावट आते ही सोने-चांदी की कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज की गई. दरअसल अमेरिकी मार्केट में बॉन्ड यील्ड बढ़ना गोल्ड को सस्ता कर रहा है. निवेशक अब गोल्ड को छोड़ कर बॉन्ड में पैसा लगा रहे हैं जहां उन्हें बेहतर रिटर्न मिल रहा है. इस साल अब तक गोल्ड की ग्लोबल कीमतों में 8 फीसदी की कमी आ चुकी है.