कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने वाहन उद्योग की रफ्तार काफी धीमी कर दी है. लॉकडाउन और अलग-अलग राज्यों में लगाई जाने वाली कोरोना पाबंदियों की वजह से कई कार और टू-व्हीलर्स कंपनियों एक से दो सप्ताह के लिए अपने प्लांट्स में प्रोडक्शन बंद रखने का ऐलान किया है. कुछ कंपनियों ने पहले से ऐलान शटडाउन में इजाफा भी किया है. अब इन कंपनियों की मुसीबत और बढ़ गई है क्योंकि अप्रैल में इनकी बिक्री में काफी गिरावट आई है.
इस साल मार्च की तुलना में गाड़ियों की बिक्री 30.18 फीसदी घटकर 12,70,45 यूनिट्स रह गई है. ऑटोमोबाइल कंपनियों के संगठन सियाम के आंकड़ों के मुताबिक, सभी कैटेगरी की गाड़ियों की बिक्री में गिरावट देखी गई. यात्री गाड़ियों की बिक्री 10.07 फीसदी कम होकर 2,61,633 यूनिट्स रह गई. कारों की बिक्री 10.06 फीसद घटकर 1,41,194 पर, यूटिलिटी व्हेकिल की 11.02 फीसदी घटकर 1,08,871 पर और वैन की 0.31 फीसदी घटकर 11,568 यूनिट्स पर आई. पिछले साल देश भर में लगे लॉकडाउन की वजह से सिर्फ 23 थ्री-व्हीलर्स की बिक्री हुई थी, जबकि अन्य दूसरी कैटेगिरी में बिक्री का आंकड़ा शून्य था. इसलिए सियाम ने अप्रैल 2021 के आंकड़ों की तुलना इस साल मार्च के आंकड़ों से की है.
टू-व्हीलर्स की बिक्री में भी भारी गिरावट आई है. अप्रैल में इसकी 9,95,097 यूनिट्स बिकी, जो मार्च के मुकाबले 33.52 फीसदी कम है. इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की बिक्री जहां 83.60 फीसदी बढ़कर 817 पर पहुंच गई, वहीं ट्रेडिशनल टू-व्हीलर्स की सभी कैटेगरी की बिक्री में गिरावट दर्ज की गई. इसके अलावा स्कूटरों की बिक्री 34.35 फीसदी कम होकर 3,00,462 यूनिट्स पर आ गई. मोटरसाइकिलों की 32.81 फीसदी कम होकर 6,67,841 यूनिट्स पर आ गई.
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