कानपुर: आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों का दावा है कि कोरोना की तीसरी लहर आने की पूरी आशंका है. जिससे बचाव करना आम लोगों के हाथ में हैं. कोविड नियमों का जितने अच्छे से पालन करेंगे, उतना ही बीमारी से लड़ने में सक्षम हो सकेंगे.
कोरोना की संभावित तीसरी लहर पर आईआईटी कानपुर ने रिसर्च के बाद मुहर लगा दी है. यह बात आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर राजेश रंजन और प्रो महेंद्र वर्मा ने अपने गणितीय मॉडल के ज़रिए बताई है. अनुमान लगाने वाले प्रोफेसर का कहना है कि बीमारी का पीक जितना देरी से आएगा उतना ही लोगों को वैक्सीनेट होने का मौका मिल जाएगा. जितने ज्यादा लोगों को वैक्सीन लग जाएगी कोरोना से नुक्सान उतना ही कम होगा. आईआईटी प्रोफेसर राजेश रंजन का कहना है कि मॉडल के माध्यम से दूसरी लहर की महामारी के मापदंडों को लेकर रिपोर्ट तैयार की है.
रिपोर्ट में तीन महत्वपूर्ण बातें निकल कर सामने आई हैं
इस रिपोर्ट में तीन महत्वपूर्ण बातें निकल कर सामने आई हैं. ऐसा माना जा रहा है कि 15 जुलाई तक पूरा देश अनलॉक हो जाएगा. यह ठीक वैसे ही स्थिति होगी जैसी कि इस साल जनवरी में थी. जनवरी में सभी कुछ अनलॉक हो गया था, लेकिन यदि इस बार अनलॉक होने पर अगर हम सावधानी नहीं बरतते हैं, सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं करते हैं और मास्क नहीं लगाते हैं तो कोरोना की तीसरी लहर का पीक अक्टूबर तक आ सकता है. यही नहीं जानकर भी इस बात को मान रहे हैं.
पहला पहलू ये है कि सितंबर से स्थितियां खराब होना एकबार फिर शुरू हो जाएंगी और अक्टूबर तक इसकी भयावहता काफी होगी. दूसरा चरण है कि अगर कोरोना तीसरी लहर में बदले म्युटेंट के साथ आता है और लोग सावधानी भी नहीं बरतते तो इसका पीक सितंबर तक आ जाएगा. यानी कि अगस्त से स्थितियां खराब होनी शुरू हो जाएंगी. तीसरा चरण है कि अगर लोग सावधानी बरतते हैं, मास्क लगाने के साथ वैक्सीन लगवा लेते हैं तो ऐसी स्थिति में तीसरी लहर का पीक नवंबर तक आएगा.
प्रो राजेश कहते हैं कि ऐसी स्थिति में लोगों को वैक्सीन लगवाने का भी समय मिल जाएगा. उन्होंने कहा कि जितनी जल्दी ही वैक्सीन लगवा लें, ये बचाव में सहायक है.
यह भी पढ़ें- कम ही सही जरूर करें निवेश, मुश्किल वक्त में सेविंग ही आती है काम
One Comment
Comments are closed.