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लम्बी अवधि में वैल्थ क्रिएशन के लिए उपयुक्त हैं फ्लेक्सी कैप फंड, जानें इनके बारे में

जब बात आती है वैल्थ क्रिएशन यानि कि धन संग्रह की तो शेयर बाजार पर आधारित निवेश का कोई मुकाबला नहीं है. लॉक डाउन की वजह से अर्थव्यवस्था मे आई सुस्ती भी तेजी से छंट रही है. हालाकि अर्थव्यवस्था मे भले ही मंदी आई हो लेकिन शेयर बाजार ने निवेशकों को पिछले एक साल में अच्छा मुनाफा कमाने का अवसर प्रदान किया है. शेयर बजार में आने वाले कुछ समय में उतार चढ़ाव की संभावना जरूर है किन्तु लंबी अवधि के नजरिए से यह शेयर बाज़ार में निवेश करने के लिए उपयुक्त समय है.

जैसा कि कहा जाता है कि जिन निवेशकों को शेयर बाज़ार की सीमित जानकारी है उनकी मदद के लिए है म्यूचुअल फंड. हालांकि सभी म्यूचुअल फंड एक जैसे नहीं होते. एक इक्विटी फंड के पोर्टफोलियो में रखी गयी कंपनियों के आकार और निवेश की रणनीति के आधार पर उन्हें लार्ज कैप, मिड कैप, स्माल कैप, फ्लेक्सी कैप, मल्टी कैप और फ़ोकस्ड फंड इत्यादि की श्रेणियों मे रखा जाता है.

इक्विटी फंड की विभिन्न श्रेणियां  

लार्ज कैप, मिड कैप और स्माल कैप फंड अपने नाम के अनुरूप मुख्य रूप से दिग्गज कंपनियों, मझोली कंपनियों और छोटी कंपनियों के शेयरों मे निवेश करते हैं. जबकि फ्लेक्सी कैप, मल्टी कैप और फ़ोकस्ड फंड एक से अधिक तरह की मार्केट कैप वाली कम्पनियों के शेयरों मे निवेश कर सकते हैं यानि कि इन तीनों कैटेगरी के फंड का निवेश लार्ज कैप मिड कैप और स्माल कैप शेयरों मे हो सकता है. सेबी के निर्देशानुसार एक फ्लेक्सी कैप फंड का निवेश कम से कम 65 प्रतिशत शेयर बाजार मे करना होता है लेकिन यह फंड मैनेजर तय करते हैं कि किस तरह के मार्केट कैप वाले शेयरों मे कितना प्रतिशत निवेश करना है. इसका फायदा यह है की बाज़ार की चाल के हिसाब से फंड मैनेजर समय समय पर पोर्टफोलियो में बदलाव कर सकते हैं जिससे लाभ और जोखिम दोनों पर नियंत्रण रहता है. वैसे तो फोकस्ड फंड में भी किसी भी तरह के मार्केट कैप वाले शेयरों में निवेश करने की छूट है लेकिन सेबी के निर्देशानुसार एक फोकस्ड फंड में अधिकतम 30 शेयर ही रह सकते हैं जिससे जोखिम थोड़ा बढ़ जाता है. वहीं एक मल्टी कैप फंड का निवेश लार्ज कैप, मिड कैप और स्माल कैप तीनों तरह की कैटेगरी के शेयरों मे कम से 25-25 प्रतिशत अनिवार्य है.

फ्लेक्सी कैप कैटेगरी भले ही नयी हो किन्तु इस कैटेगरी में जो मौजूदा फंड हैं उनमें से अधिकतर फंड नए नहीं हैं. सेबी ने जैसे ही मल्टी कैप फंड के लिए नए दिशा निर्देश जारी किए अधिकतर म्यूचुअल फंड कंपनियों ने अपने पुराने मल्टी कैप फंड मे बदलाव करने की बजाय उनका नाम बदल कर फ्लेक्सी कैप रख दिया. यदि हम फ्लेक्सी कैप कैटेगरी के पिछले एक साल के औसत प्रदर्शन पर ध्यान दें तो इस कैटेगरी  ने पिछले एक साल में लगभग 55 प्रतिशत का रिटर्न दिया है वहीं पिछले 3 और 5 साल में यह रिटर्न औसतन 15 प्रतिशत सालाना रहा है.

 

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