बिलासपुर। निर्माण के क्षेत्र में विश्व में अग्रणी बहुराष्ट्रीय भारतीय ब्रांड जिन्दल पैंथर के ग्रुप मार्केटिंग हेड रोहित लांबा ने कहा कि उनकी कंपनी की निगाह में प्रत्येक जीवन मूल्यवान है इसलिए वह क्वालिटी के प्रति सजगता को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। भूकंप, भूस्खलन, बाढ़ या आग के संकट में जिन्दल पैंथर नागरिकों का सच्चा साथी है क्योंकि तमाम आपदाओं को ध्यान में रखते हुए सर्वोच्च तकनीक का उपयोग कर जिन्दल पैंथर टीएमटी रिबार तैयार किया जाता है।
छत्तीसगढ़ सिविल इंजीनियर एसोसिएशन, बिलासपुर के प्रेसिडेंट आर.के.सोनी और सचिव गिरीश पाठक की उपस्थिति में 21 अक्टूबर को होटल इंपीरियल में आयोजित इंजीनियर्स एंड आर्किटेक्ट मीट में श्री लांबा ने कहा कि जिस तरह स्वस्थ जीवन के लिए पौष्टिक भोजन आवश्यक है, उसी तरह स्वस्थ आवास के लिए गुणवत्तायुक्त सामग्री की भी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि स्टील तैयार करने की कई तकनीक हैं लेकिन बेहतरीन तकनीक वह है जो स्टील में फॉसफोरस और सल्फर की मात्रा नियंत्रित रखे। जिन्दल पैंथर ब्लास्ट फर्नेस और डीआरआई प्रणाली, बेसिक ऑक्सीजन फर्नेस, इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस, लैडल रिफाइनिंग फर्नेस और अन्य आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर टीएमटी रिबार में फॉसफोरस और सल्फर की मात्रा नियंत्रित रखता है, जिससे गलने और जलने दोनों के खतरे न के बराबर रह जाते हैं। इसके अलावा यह भूकंप, भूस्खलन और अन्य आपदाओं में भी कवच का काम करता है। जिन्दल पैंथर लौह अयस्क से टीएमटी रिबार तैयार करता है, जिससे इसके उत्पाद में अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप शुद्धता रहती है।
श्री लांबा ने कहा कि जिन्दल पैंथर लोगों के भरोसे पर खरा उतर रहा है। यह देश के कोने-कोने में उपलब्ध है और अग्रणी बहुराष्ट्रीय ब्रांड भी बन गया है।
हमारे उत्पाद की मांग यूरोप, मध्य-पूर्वी एशियाई देश, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका और यूरोप में अच्छी है। जिन्दल पैंथर कनाडा में अपनी पहचान बना रहा है और अमेरिकी बाजार में प्रवेश के लिए भी तैयार है। उन्होंने कहा कि देश में सस्ता के चक्कर में लोग क्वालिटी से समझौता कर लेते हैं और उन कंपनियों के उत्पाद का इस्तेमाल करते हैं, जो इंडक्शन फर्नेस से रिबार तैयार करते हैं। कबाड़ इनका रॉ मैटीरियल होता है और इनके पास रिफाइनिंग की अन्य शुद्धता प्रणालियों का अभाव होता है, जिससे इनके उत्पाद में फॉसफोरस और सल्फर की मात्रा अधिक होती है। फॉसफोरस अधिक होने पर सरिया के कठोर होकर टूटने, या जल्दी जंग लगने और सल्फर की मात्रा अधिक होने पर आग बेकाबू होने का खतरा रहता है। उन्होंने टाइटनिक हादसे का उदाहरण दिया, जो आइसबर्ग से टकराकर क्षतिग्रस्त हो गया था क्योंकि उसके स्टील में फॉस्फोरस अधिक था। इसी तरह न्यूयॉर्क के ट्विन टावर पर जब विमान हमला हुआ तो आग लगने के कारण वह भरभरा कर गिर गया क्योंकि उसके स्टील में सल्फर की मात्रा अधिक थी।
इस अवसर पर जिन्दल पैंथर प्रोडक्ट अप्लीकेशन ग्रुप के प्रबंधक हिमांशु बिंयाला ने बताया कि निर्माण हमारे जीवन की मूलभूत आवश्यकता है इसलिए जिन्दल पैंथर ने टीएमटी रिबार समेत अनेक समाधान बाजार में प्रस्तुत किये हैं। उन्होंने कहा कि हमारे सुरक्षित जीवन के लिए उपभोक्ताओं की जागरूकता सबसे बड़ी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कोलकाता, भुबनेश्वर में ब्रिज का ढहना, मुंबई के वडाला स्थित लॉयड एस्टेट में पार्किंग स्थल का धंसना और गाजियाबाद के वसुंधरा में सड़क टूटकर खाई में तब्दील हो जाना ऐसे उदाहरण हैं जो देश में बुनियादी ढांचे के विकास में आ रही कमियों की ओर ध्यान दिला रहे हैं। ऐसे अनगिनत मामले सामने आए हैं, जिनमें मानकों के अनुरूप सामग्री का इस्तेमाल न होने से करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है और बेशकीमती जानें भी गई हैं।
नवीन जिन्दल के नेतृत्व वाली कंपनी जिन्दल स्टील एंड पावर (जेएसपीएल) के निमंत्रण पर आयोजित इस इंजीनियर्स एंड आर्किटेक्ट मीट की मेजबानी ए.आर. एंटरप्राइजेज ने किया। इस अवसर पर निदेशक राजेश मोदी ने जिन्दल पैंथर की विश्वसनीयता की सराहना करते हुए कहा कि इसके माध्यम से हम उपभोक्ताओं में क्वालिटी के प्रति चेतना जगाने का काम कर रहे हैं। उपभोक्ताओं की गुणवत्ता चेतना से ही कोई भी राष्ट्र महान बनता है। इस अवसर पर जेएसपीएल के प्रेसिडेंट एंड सीएमओ (वायर रॉड एंड राउंड) राजकमल श्रीवास्तव, महाप्रबंधक पारस शर्मा, बिलासपुर के अनेक नामचीन इंजीनियर और आर्किटेक्ट उपस्थित रहे।
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