लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुहर्रम के मौके पर उत्तर प्रदेश में ताजिया दफन करने की अनुमति देने से साफतौर पर इनकार कर दिया है. हाई कोर्ट ने ताजिया दफन करने की अनुमति मांगने वाली सभी अर्जियों को खारिज कर दिया. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि कोरोना महामारी के बीच सड़कों पर भीड़ लगाने की इजाज़त नहीं दी जा सकती है.
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सभी देशवासियों को कड़ाई से कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करना चाहिए. जगन्नाथ रथ यात्रा में परिस्थितियां अलग थीं, वहां सिर्फ एक जगह का ही मामला था. ताजिया दफन करने की इजाज़त मांगने के लिए जगन्नाथ रथ यात्रा को आधार नहीं बनाया जा सकता है.
जस्टिस शशिकांत गुप्ता और जस्टिस शमीम अहमद की डिवीजन बेंच ने यह फैसला सुनाया. बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट में ताजिया दफनाने की परमीशन दिए जाने की मांग को लेकर चार अर्जियां दाखिल की गईं थीं. अर्जियों में कहा गया था कि सरकार ने ताजिया बनाने और घर में रखने की इजाज़त दी है तो दफनाने की भी अनुमति मिलनी चाहिए. गौरतलब है कि सुनवाई के दौरान यूपी सरकार ने अर्जियों को खारिज करने की सिफारिश की थी.