धर्मेन्द्र महापात्र की रिपोर्ट
कांकेर, छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के एक दुर्लभ प्रजाति का जीव मिला है। दुधावा वन परिक्षेत्र के जंगलों में अनोखे जानवर को देखकर ग्रामीण भी हैरान रह गए। सूचना के बाद वन विभाग की टीम ने दुर्लभ जीव को अपने संरक्षण में लिया है। जानकारी के मुताबिक, कोटलभट्ठी गांव के ग्रामीणों ने सड़क किनारे एक दुर्लभ जानवर को देख वन विभाग को मामले की सूचना दी। वन विभाग की टीम जब मौके पर पहुंची तो वह भी हैरत में पड़ गई, दरअसल, ग्रामीणों ने जिस जीव को पकड़कर वन अमले को सौंपा, वह कोई आम जानवर नहीं बल्कि दुनिया का सबसे निर्भीक जानवर माना जाने वाला हनी बेजर था। हनी बेजर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में ‘मोस्ट फियरलेस क्रीचर‘ के नाम से दर्ज है। यह जीव बेहद खूंखार, निडर, बुद्धिमान और चालाक माना जाता है। यह संसार के संरक्षित जीवों में से एक है। फिलहाल वन विभाग की टीम ने इसे अपने कब्जे में लिया और उसकी देखभाल की जा रही है। बताया जा रहा है कि बिज्जू प्रजाति के इस जीव की संख्या बीते डेढ़ दशक में तेजी से कम होने से इसे विलुप्त वन्यजीवों की श्रेणी में रखा गया है। बस्तर के कांकेर क्षेत्र में दुर्लभ जीव हनी बेजर पहली बार दिखाई दिया है। वन विभाग के अफसरों के मुताबिक, हनी बेजर मस्टेलिडाए कुल और मेलिवोरा प्रजाति का है। इस जीव का शिकार खाल, फर, कॉस्मेटिक की वजह से किया जाता है। कांकेर के जिस कोटलभट्टी के जंगल में यह दुर्लभ वन्य प्राणी मिला है, वह इलाका कांकेर, कोंडागांव और धमतरी जिले के सीमावर्ती क्षेत्र के अंतर्गत आता है। इसी जंगल के पास में ही सीतानदी अभ्यारण्य होने से उस क्षेत्र से ही इस जानवर के आने की संभावना जताई जा रही है।
बहरहाल, छत्तीसगढ़ में हनी बेजर की मौजूदगी किसी हैरत से कम नहीं है। फिलहाल वन विभाग की टीम ने इसे अपने संरक्षण में रखा है। वहीं कांकेर के जंगलों में हनी बेजर के मूवमेंट पर निगाह रखी जा रही है।
दुनिया का सबसे निडर जीव
हनी बेजर को संसार का सबसे निडर और खूंखार जानवर माना जाता है। आकार में छोटा होने के बावजूद भी यह मांसाहारी जानवर अपने आक्रामक और क्रूर रक्षात्मक क्षमता वाली प्रकृति के लिए प्रसिद्ध है। इसी खासियत की वजह से इसका नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है। यह जानवर शेर और हाईना जैसे कई बड़े शिकारी जानवरों से भी लड़ने की क्षमता रखता है। हनी बेजर बेहद खूंखार, निडर होने के साथ ही बुद्धिमान और चालाक भी होता है। ये बिल्कुल इंसानों की तरह सोचने की क्षमता रखता है।
इसे किसी कमरे में बंद कर देने पर भी यह दरवाजे की कुंडी खोलकर, पत्थर या डंडे के सहारे दीवार पर चढ़कर भाग जाता है। ये जमीन खोदकर सुरंग बनाकर भागने में भी माहिर है। फिलहाल फॉरेस्ट विभाग इसे अपने संरक्षण में रख परीक्षण कर रहा है।