तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, राजस्थान और असम जैसे राज्यों के बाद पहली बार छत्तीसगढ़ में भी ऑनलाइन गेमिंग रोकने के लिए सख्त कानून बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। विधि विभाग ने इन राज्यों के कानून का अध्ययन शुरू कर दिया है। इस आधार पर नए कानून का प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। अब ऐसा कानून बनाने की तैयारी की जा रही है, जिसमें ऑनलाइन गेमिंग चलाने और खेलने पर सख्त कार्रवाई हो सके। अभी तक इस तरह के केस में आरोपी आसानी से थाने से ही छूट जाते हैं। लेकिन नया कानून बनने के बाद यह अपराध गैर जमानती होगा। इसमें जेल के साथ बड़ा जुर्माना वसूल किया जाएगा। ऑनलाइन गेमिंग करने वालों की संपत्ति भी जब्त की जा सकती है।
कलेक्टर-एसपी कांफ्रेंस में सीएम भूपेश बघेल ने अफसरों से सख्ती से कहा था कि ऑनलाइन गेमिंग को रोकने के लिए कड़ा कानून हर हाल में बनना चाहिए। इसके बाद ही यह कवायद शुरू की गई है। अफसरों की मानें तो छत्तीसगढ़ का कानून उसी तरह का हो सकता है, जैसा अभी तेलंगाना में है। ऑनलाइन गेमिंग और सट्टा रोकने के लिए वहां के कानून में जो भी प्रावधान हैं, उनका ब्योरा मंगवा लिया गया है। गौरतलब है, तेलंगाना देश का पहला राज्य है, जहां 2017 में ही गेमिंग अधिनियम लागू किया गया है।
राज्य में ऑनलाइन गेमिंग पर कार्रवाई
राज्य में ऑनलाइन गेमिंग पर कार्रवाई के लिए अभी अलग से कोई नियम नहीं है। इसे वैध करने का भी कोई कानून नहीं बनाया गया है, जिसमें लाइसेंस जारी किया जा सके। जुआ, सट्टा और ऑनलाइन गेमिंग पर पुलिस जुआ एक्ट में कार्रवाई करती है। यह धाराएं ऐसी होती हैं कि आरोपी थाने से ही छूट जाता है। यही वजह है कि सख्त कार्रवाई के लिए पुलिस नया कानून गेमिंग एक्ट बना रही है। इसके लिए आईटी एक्ट में संशोधन करने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी जाएगी।
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