दिल्ली एमसीडी भारत जोड़ो यात्रा को कोई लाभ होता नहीं दिखाई
इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया ने अपने एग्जिट पोल में बताया है कि कांग्रेस को भारत जोड़ो यात्रा को कोई तत्काल लाभ होता नहीं दिखाई दे रहा है। दिल्ली एमसीडी चुनाव की बात करें तो ये वापसी के लिए कांग्रेस के पास एक अच्छा मौक था। लेकिन एग्जिट पोल के मुताबिक कांग्रेस स्थिति से लाभ उठाने में विफल रही है। आप को दिल्ली के 250 में से 149 से 171 वार्ड जीतने की संभावना है, जबकि भाजपा 69 से 91 वार्ड जीत सकती है। कांग्रेस के तीन से सात वार्ड जीतने की संभावना है।
गुजरात में भी कांग्रेस के लिए मौका
गुजरात में भी कांग्रेस के लिए मौका था। बीजेपी ने राज्य में 27 साल तक शासन किया है। अपनी योजना को बदलते हुए राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ो यात्रा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य में ले गए और रैलियां कीं। लेकिन एग्जिट पोल के मुताबिक, गुजरात में सबसे पुरानी पार्टी भाजपा और बढ़ सकती है। आंकड़े बताते हैं कि बीजेपी 129 से 151 सीटों के साथ भारी जीत दर्ज करेगी। डिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल ने भविष्यवाणी की है कि बीजेपी गुजरात में 46 फीसदी वोट शेयर हासिल कर सकती है, उसके बाद कांग्रेस 26 फीसदी और आप 20 फीसदी वोट शेयर हासिल करेगी।
हिमाचल प्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा का असर
हिमाचल प्रदेश में सत्ताधारी दल अक्सर चुनाव हारते रहे हैं। लेकिन इस बार, एग्जिट पोल के मुताबिक, लड़ाई कांटे की टक्कर की हो सकती है, कांग्रेस को यहां मामूली बढ़त होते दिख रही है। अगर कांग्रेस हिमाचल को भाजपा से छीनने में विफल रहती है, तो केवल राहुल गांधी और पार्टी के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को आलोचनाओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। पार्टी की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी-वाड्रा ने भी पहाड़ी राज्य में व्यापक प्रचार किया है।
कांग्रेस ने राज्य संगठन पर पूरा चुनाव छोड़ दिया
इसे समझने के लिए हमने वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद कुमार सिंह से बात की। उन्होंने कहा, ‘तीनों राज्यों में सही से देखा जाए तो लगा ही नहीं कि कांग्रेस जीतने के लिए लड़ रही है। तीनों राज्यों में कांग्रेस ने राज्य संगठन पर पूरा चुनाव छोड़ दिया था। बड़े नेता बिल्कुल भी एक्टिव नहीं दिखे। गुजरात में राहुल गांधी की मुश्किल से तीन रैलियां हुईं। इसी तरह नए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी सिर्फ दो दिन गुजरात चुनाव को दिया। हिमाचल प्रदेश में प्रियंका गांधी गईं, लेकिन राहुल नहीं गए।’