भूपेश कैबिनेट द्वारा शनिवार को मुख्य सचिव आरपी मंडल की विदाई के साथ साफ़ हो गया कि 1989 बैच के आईएएस अमिताभ जैन छत्तीसगढ़ के अगले मुख्य सचिव होंगे। नए मुख्य सचिव का आदेश 30 नवंबर को जारी होगा। आरपी मंडल 30 नवंबर को रिटायर होंगे। कहा जा रहा है कि नए मुख्य सचिव के साथ आईएएस अफसरों की एक छोटी लिस्ट निकल सकती है। छत्तीसगढ़ के दल्लीराजहरा के अमिताभ जैन स्कूल से कालेज तक टॉपर रहे हैं। रायपुर कलेक्टर से लेकर संचालक जनसंपर्क के साथ भारत सरकार में प्रतिनियुक्ति पर भी रहे। विदेश में भी सेवाएं दे चुके अमिताभ जैन को मुख्य सचिव के तौर पर काम करने के लिए चार साल से कुछ अधिक समय मिलेगा।
रूह कपाती जिला पंचायत अध्यक्ष
ऐसा कहा जा रहा है कि छत्तीसगढ़ की एक जिला पंचायत अध्यक्ष से उस जिले के अधिकांश सरपंचों की रूह कांपती हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव के लिए टिकट की बड़ी दावेदार रही कांग्रेस की नेता जिला पंचायत अध्यक्ष बन गई। कहते हैं कांग्रेस की नेता ने टिकट और फिर जिला पंचायत अध्यक्ष बनने के लिए पानी की तरह पैसा बहाया। अब पद मिलने के बाद खर्चा निकालना स्वाभाविक है। जिले में चर्चा है कि जिला पंचायत अध्यक्ष काम के एवज में सरपंचों से पहले ही मोटी राशि कमीशन के तौर पर ले लेती है। बिना लेन-देन के कोई काम नहीं होने की चर्चा का बाजार गर्म है। कहते है जिस भी सरपंच ने मेडम के रिंग में शामिल न होने या बाहर निकलने की कोशिश की, तो फिर उसका खैर नहीं।
रिटायर्ड आईएएस की जमीन से कई चौंके
एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी और उनके परिवार के नाम पर लीज की एक लाख 19 हजार 350 वर्ग फीट नजूल जमीन को फ्री होल्ड करने के इश्तहार ने कइयों के कान खड़े कर दिए हैं। मुख्यमंत्री निवास से कुछ दूरी पर गौरव पथ पर यह जमीन तीन टुकड़ों में है। राजस्व विभाग के आदेश पर तहसीलदार रायपुर द्वारा 23 नवंबर 2020 को इश्तहार जारी कर 10 दिसंबर 2020 दावा-आपत्ति बुलाई गई है। कहते हैं कुछ नेता, वकील और पत्रकार रिटायर्ड आईएएस अधिकारी और उनके परिवार को आबंटित जमीन का रिकार्ड खंगालने में लग गए हैं, जिससे दावा-आपत्ति कर 10 दिसंबर को तहसीलदार के सामने खड़े हो सकें। रिटायर्ड आईएएस अधिकारी के यहां कुछ महीने पहले आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय ने जाँच-पड़ताल की थी, उसको मद्देनजर रखते कुछ लोग दिल्ली का रुख करने के मूड में हैं। चर्चा है कि फ्री होल्ड के बाद इस जमीन का सौदा एक बड़ी कंपनी के साथ हो जाएगा।
कांग्रेस नेताओं को नए संरक्षक की तलाश
कांग्रेस के वरिष्ठ और ताकतवर नेता अहमद पटेल का छत्तीसगढ़ के कई नेताओं को संरक्षण मिला हुआ था। खासतौर पर अल्पसंख्यक वर्ग के नेता अहमद पटेल से सीधे जुड़े थे , उनके अकस्मात निधन से ऐसे नेताओं को काफी झटका लगा है। वे अपने को अब असहाय मान रहे हैं। छत्तीसगढ़ के कुछ नेता विधानसभा की टिकट हो या फिर और किसी काम के लिए अहमद पटेल के दरबार में पहुँच जाया करते थे। राज्य में कुछ ऐसे नेता भी हैं, जिनकों राज्य इकाई विधानसभा चुनाव लड़ाने के पक्ष में नहीं रहती थी, फिर भी उन्हें विधानसभा का टिकट मिल जाता था। यह सब अहमद भाई की मेहरबानी से होती थी। अब ऐसे लोगों को दिल्ली दरबार में कौन संरक्षण देगा, यह चर्चा का विषय बना हुआ है। कहते हैं कुछ लोग अब कांग्रेस हाईकमान में महासचिव केसी वेणुगोपाल के चक्कर काटने लग गए हैं। अब देखते हैं ऐसे लोगों के सिर पर वेणुगोपाल का हाथ कितना होता है।
निगम -मंडलों की सूची इसी हफ्ते ?
कहते हैं निगम-मंडल अध्यक्षों की बहुप्रतीक्षित सूची संभवतः इसी हफ्ते जारी हो जाएगी। कहते हैं कांग्रेस नेताओं को निगम-मंडल अध्यक्ष बनाने की सूची को हाईकमान ने मंजूरी दे दी है। चर्चा है कि निगम-मंडल अध्यक्षों के नामों को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पार्टी हाईकमान से बातचीत हो चुकी है। प्रभारी महासचिव पीएल पुनिया की सहमति के बाद लिस्ट जारी करने की खबर है। कहा जा रहा है आधे दर्जन से अधिक निगम-मंडलों में कांग्रेस नेताओं की ताजपोशी हो सकती है, वही कई और निगमों में भी कांग्रेसियों को पद मिल सकता है।
क्या नंदकुमार साय का पुनर्वास होगा
भाजपा हाईकमान अपने आदिवासी नेता नंदकुमार साय का संगठन या राज्यपाल के तौर उनके अनुभव का कोई लाभ लेगा क्या ? यह सवाल आजकल चर्चा का विषय है। संयुक्त मध्यप्रदेश में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ के पहले नेता प्रतिपक्ष रहे नंदकुमार साय 28 फरवरी को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष पद से रिटायर हो गए। नंदकुमार साय का राज्य के वर्तमान पार्टी नेतृत्व से तालमेल बैठ पाना संभव नहीं माना जा रहा है। नंदकुमार साय एकाध साल बाद 75 पार के हो जाएंगे, ऐसे में पार्टी उनका कोई इस्तेमाल करेगी या फिर असंतुष्ट नेता की उनकी छवि आड़े आएगी।
(-लेखक, पत्रिका समवेत सृजन के प्रबंध संपादक और स्वतंत्र पत्रकार हैं।)
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